नई दिल्ली। अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने पिछले तीन साल से खुद में काफी परिवर्तन लाया है। यह टीम पिछले साल इंग्लैंड में हुए आईसीसी विश्व कप का हिस्सा थी लेकिन टीम में एकजुटकता ना होने के कारण उन्हें एक के बाद एक हार का सामना करना पड़ा था। मामला तब ज्यादा गर्मा गया जब उनके एक खिलाड़ी ने टीम मैनेजमेंट व बोर्ड पर बेईमानी करने का आरोप लगा दिया था। तब अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने उस खिलाड़ी पर एक साल का बैन लगा दिया था। लेकिन अब उसकी दया याचिका को स्वीकार कर लिया गया है।
जी हां, अफगानी बोर्ड ने अफगानिस्तान के धाकड़ विकेटकीपर-बल्लेबाज मोहम्मद शहजाद को आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए निलंबित कर दिया था। उल्लंघन का ब्योरा एसीबी ने सार्वजनिक नहीं किया था, जबकि शहजाद ने इसे उनके खिलाफ साजिश बताया। बोर्ड और शहजाद के बीच पिछले साल से ही कुछ ठीक नहीं चल रहा था। शहजाद ने दया याचिका दी, जिसे चेयरमैन फरहान युसेफजई ने उनकी अपील को स्वीकार कर लिया है, हालांकि बोर्ड ने कहा कि उनपर लगा बैन अगस्त 2020 को ही समाप्त होगा।
Test Ranking : कोहली के 'फ्लॉप शो' ने बनाया स्टीव स्मिथ को नंबर 1, बुमराह हुए टाॅप-10 से बाहर
गौरतलब है कि 31 वर्षीय मोहम्मद शहजाद इंग्लैंड में खेले गए वनडे विश्व कप के दौरान ही विवादों में घिर गए थे। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें बीच टूर्नामेंट से ही वापस देश भेज दिया था। एसीबी ने शहजाद को वापस बुलाने के पीछे उनके घुटने में लगी चोट का कारण दिया था। लेकिन इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने दावा किया वह पूरी तरह फिट थे और राजनीति के तहत उनको विश्व कप से बाहर किया गया। इसके बाद मोहम्मद शहजाद को एसीबी ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से भी बाहर कर दिया था। इसके बाद से ही उनके भविष्य पर सवाल खड़े किए जाने लगे थे।