नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच के लिए भारत की तैयारियां तेज हो चुकी है। बीसीसीआई ने भी हर तरह से कमर कसनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में हाल ही में बीसीसीआई ने मोहम्मद शमी को रणजी मैच की पारी में 15 से 17 ओवर से अधिक गेंदबाजी नहीं करने की हिदायत दी थी। लेकिन बंगाल के यह तेज गेंदबाज बीसीसीआई के फैसले को मानने के लिए तैयार नजर नहीं आ रहा है। केरल के खिलाफ खेल रहे शमी ने 26 ओवर गेंदबाजी की। और बीसीसीआई की हिदायत को याद करते हुए जब उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह उनका खुद का फैसला था।
शमी ने मैच के दूसरे दिन बुधवार को 26 ओवर में 100 रन देकर तीन विकेट लेने के बाद पत्रकारों से कहा, ''जब आप अपने राज्य के लिए खेलते हैं तो आपको जिम्मेदारी निभानी होती है।' मैं अच्छा महसूस कर रहा था और कोई परेशानी नहीं थी। विकेट से मदद मिल रही थी इसलिए मैं जितनी गेंदबाजी कर सकता था उतना किया। यह मेरा खुद का फैसला था।''
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शमी की तुलना में बंगाल के नियमित स्ट्राइक गेंदबाज अशोक डिंडा ने 19 और युवा इशान पोरेल तथा मुकेश कुमार ने 18 और 14 ओवर ही गेंदबाजी की। शमी का मानना है कि अभ्यास की जगह मैच में गेंदबाजी करना अच्छा होता है।
शमी ने कहा कि यहां जितनी गेंदबाजी करेंगे ऑस्ट्रेलिया में उतनी मदद मिलेगी। यह अच्छी तैयारी है। मेरे लिए मैच में गेंदबाजी करना तैयारी करने का सबसे अच्छा तरीका है। मैं कभी भी ऐसा ही चाहूंगा।''
इस साल शमी के प्रदर्शन की बात करें तो शमी ने इस साल नौ टेस्ट में भारत के लिए सबसे ज्यादा 33 विकेट लिये है जिसमें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पारी में पांच विकेट भी शामिल हैं।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार मैचों की बार्डर-गावस्कर श्रृंखला में भारत को पहला टेस्ट छह दिसंबर से एडिलेड में खेलना है।बंगाल के कोच साइराज बहुतुले ने शमी का समर्थन करते हुए कहा कि वह गेंदबाजी करना चाहता था इसलिए उसने गेंदबाजी जारी रखी। किसी ने उस पर दबाव नहीं डाला।'' केरल ने बंगाल के खिलाफ पहली पारी में 144 रन की बढ़त हासिल की। दूसरी पारी में बंगाल की टीम अभी 139 रन से पीछे है और बंगाल ने सिर्फ एक विकेट ही गंवाया है।