लॉकडाउन में फायदे के साथ नुकसान भी हुआ
शमी का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान वह शहरों में फंसे दूसरे भारतीय खिलाड़ियों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि वह सहारनपुर में अपने गांव के पैतृक घर के खुले आंगन में अभ्यास करते रहे हैं, साथ ही घर के बाहर एक छोटा सा क्रिकेट मैदान भी बना रखा है।
उन्होंने कहा, 'इसे दो तरीके से देख सकते हैं। भारतीय टीम का कार्यक्रम हमेशा व्यस्त रहता है और इस ब्रेक से थके हुए शरीर को आराम का समय मिला। एक तरफ आपको शारीरिक फायदा हुआ और आप अधिक फिट तथा मजबूत हो गए लेकिन लंबे समय तक नहीं खेलने से लय चली जाती है। यही फर्क है। फायदे और नुकसान तो इस पर निर्भर है कि आप अपने शरीर की देखभाल कैसे कर रहे हैं।'
BCCI कैम्प से मिलेगा फायदा
बीसीसीआई की ओर से शिविर शुरु करने को लेकर तैयार बैठे मोहम्मद शमी का मानना है कि जब बोर्ड इसकी शुरुआत करेगा तो खिलाड़ियों को काफी फायदा होने वाला है। शमी अब तक भारत के लिये 49 टेस्ट में 180 विकेट ले चुके हैं।
उन्होंने कहा ,' निश्चित तौर पर मुझे फायदा होगा क्योंकि मैं नियमित अभ्यास कर रहा हूं। यह चोट के कारण मिले ब्रेक से अलग है। मैं लय में रहा हूं और कोई जकड़न महसूस नहीं हो रही। समय के साथ लय मिल ही जायेगी।'
लार बैन पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता
वहीं कोरोना वायरस के बाद आईसीसी की ओर से बदले हुए नियमों पर बात करते हुए शमी ने कहा कि उन्हें अभी इस बात का अंदाजा नहीं है कि लार के बिना लाल गेंद कैसे पेश आयेगी। इस बात का सिर्फ नेटस पर अभ्यास करके ही लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा ,'जैसी परिस्थितियां चाहिये वैसी नहीं होने पर आप पुरानी गेंद से अभ्यास नहीं कर सकते। नेट पर जो पुरानी गेंद ली जाती है , वह कई दिन बाक्स में रहती है और मैच की पुरानी गेंद से अलग होती है। मैच में तो लगातार खेलते हुए गेंद पुरानी होती है। अभ्यास के दौरान मैं नयी गेंद से ही गेंदबाजी करूंगा और कोशिश करूंगा कि लार का इस्तेमाल नहीं करूं। लोग मुझसे यह सवाल पूछते हैं लेकिन मेरे पास कोई जवाब नहीं है। हम बरसों से लार का इस्तेमाल करते आये हैं। यह आदत है। एक बार लार के बिना गेंदबाजी करेंगे, तभी पता चल सकेगा।'