नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने वेलिंगटन में शनिवार हुए चाैथे टी20 मैच में सुपर ओवर में जीत हासिल कर 5 मैचों की सीरीज में 4-0 की बढ़त बना ली है। रोचक बात यह है कि तीसरा मैच भी सुपर ओवर में जीता था जो हैमिल्टन में हुआ था। हैमिल्टन में मोहम्मद शमी ने मैच बचाया तो इस बार शार्दुल ठाकुर ने। जीत का चाैका लगाने के बाद ये दोनों सितारे चहल टीवी पर आए जहां युजवेंद्र चहल ने उनकी कामयाबी के राज पूछे।
सबसे पहले चहल ने शमी से पूछा जिन्होंने तीसरे मैच में अतिंम ओवर में हार से बचाकर मैच सुपर ओवर तक ला दिया था। चहल ने पूछा कि आपको हैमिल्टन में पहली गेंद पर छ्क्का लगा था। उसतके बाद 5 रन बचाने थे तो दिमाग में क्या चल रहा था। इसका जवाब देते हुए शमी ने कहा, '' दिमाग में कुछ नहीं चल रहा था, मैने योजना बनाई थी थी कि एक अच्छी यॉर्कर गेंद फेंकी जाए लेकिन गेंद हाथ से निकल गई। इसके बाद मेरे पास कुछ बचा नहीं था। मैंने सोचा आगे की गेंद पर रन लग गए हैं तो क्यों ना बाउंसर फेंकी जाए। फिर जैसे ही विलियमसन आउट हुए तो लगा कि हां अब छोटी गेंद फेंकना ही सही रहेगा। दो गेंद खाली गई, इसके बाद आखिरी गेंद पर एक ही विकल्प था। वो था गेंद को विकेट पर फेंकना, क्योंकि वो वैसे ही एक रन ले लेते।"
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इसके बाद चहल ने फिर शार्दुल से जवाब मांगा। चहल ने सवाल किया कि जब आपने ओवर के बीच में नकल गेंद फेंकी और आखिरी ओवर में दिमाग में कितना दबाव था। शार्दुल ने जवाब देते हुए कहा, ''दबाव तो था लेकिन मैं पहली गेंद पर विकेट लेना चाहता था, क्योंकि बल्लेबाज सोचता है कि वो पहली ही गेंद पर चाैका या छक्का लगाकर मैच खत्म कर डाले। मेरा प्लान यही था कि स्लोअर गेंद खेलकर उसे बड़ा शॉट खिलाएं और उसने वही किया और वो आउट हो गया। दूसरी गेंद पर जब चौका लगा तो मैंने सोचा कि ऐसे मौकों पर ऐसा होता रहता है और ऐसा होने पर भी उम्मीद हारनी नहीं है। मैंने शमी भाई के ओवर में देखा था कि पहली गेंद पर छक्का लगने के बाद उन्होंने तीन रन बचा लिए थे तो मैंने सोचा कि अब फिर यहां ऐसा हो सकता है।''
चहल ने नकल गेंद का राज पूछा तो शार्दुल ठाकुर ने कहा कि हम तो बचपन से ही उंगली टेढ़ी कर गेंद फेंक रहे हैं। वही मैंने मैच में भी किया। वीडियो खत्म करने से पहले चहल ने प्रार्थना करते कहा कि अब पांचवां मैच सुपर ओवर तक ना पहुंचे।