नई दिल्ली। इंग्लैंड एंड वेल्स में शुरू होने जा रहे आईसीसी विश्व कप(ICC World Cup) में बल्लेबाजों का धमाल देखने को मिलेगा। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड भी संकेत दे चुका है कि स्कोर 500 भी हो सकता है। तेज पिचें बल्लेबाजों के लिए फायदेमंद होंगी यानि की गेंदबाजों की खैर नहीं। लेकिन इन सब चीजों से भारतीय क्रिकेट टीम(Indian Cricket Team) के सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी(Mohammed Shami) को कोई फर्क नहीं पड़ता। पिछले 1 साल से जबरदस्त फाॅर्म में चल रहे शमी का मानना है कि उनके लिए किसी भी पिच पर बल्लेबाजों को आउट करना मुश्किल रहने वाला नहीं है।
29 साल के इस तेज गेंदबाज ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू के दाैरान कहा, 'इंग्लैंड में सपाट पिचें सीमित ओवरों के क्रिकेट में बल्लेबाज का स्वर्ग बन गई हैं। लेकिन एक गेंदबाज को अपनी परिस्थितियों में बदलाव के लिए अपनी लाइन और लंबाई में काफी स्मार्ट होना पड़ता है। मेरे पास उन्हें आउट करने के लिए गति और स्विंग है। मैं ज्यादा चिंतित नहीं हूं।" शमी ने आगे उल्लेख करते कहा, 'वास्तव में, इसके बारे में मेरा मानना है कि मेरी गेंदबाजी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। ऑफ-स्टंप के बाहर देर से होने वाली हलचल निश्चित रूप से काम आएगी।' शमी ने पिछले एक साल में सफेद गेंद के सात खूब कमाल दिखाया और ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया है। वह दो साल तक गुमनामी में रहने के बाद टीम में लौटे हैं, जिसमें 2017 और 18 में उन्होंने 'मेन इन ब्लू' के लिए सिर्फ पांच वनडे खेले थे।
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पिछले कुछ सालों से गेंदबाजों ने क्रिकेट में अपना प्रभाव छोड़ा है। इसपर शमी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि टीम की गेंदबाजी उसकी ताकत मानी जा रही है। 20 से 30 साल पुराना भारतीय क्रिकेट का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि हमेशा बल्लेबाजों का राज हुआ है। तब गेंदबाजों की गलती नहीं थी बल्कि पिच बैटिंग अनुसार बनती थी। पिछले पांच से सात साल में चीजें बदलने लगी हैं। यह एक रात में नहीं हुआ है। इस बदलाव पर हम काम कर रहे हैं और हमें मदद मिल रही है। विश्वकप में भारतीय टीम की बात करूं तो इस बार कौशल के साथ पेस भी है, जो हमारी विशेष पहचान बन गई है। यह एक सपने के पूरे होने जैसा है। शमी ने कहा कि मैं इश बात से खुश हूं कि सभी हमारी टीम की गेंदबाजी से खुश हैं। यह हमारी ताकत है।