नई दिल्ली। विश्व कप 2019 का वो सेमीफाइनल मुकाबला काैन भूल सकता है जब महेंद्र सिंह धोनी के रन आउट होते ही टीम का खिताब जीतने का सपना चकनाचूर हो गया था। 9 जुलाई को मैनचेस्टर में भारत ने न्यूजीलैंड से मैच खेला। टक्कर अंत तक गई, उम्मीदें धोनी पर थीं लेकिन रन आउट ने भारत को 18 रन से हारने पर मजबूर कर दिया। उस हार से निराश धोनी फिर कभी टीम में शामिल नहीं हुए।
धोनी को उस रन आउट पर बेहद दुख है। उन्होंने मैच के बाद इसके ऊपर कोई टिप्पणी नहीं थी लेकिन अब उन्होंने बताया कि वो उस समय कैसा महसूस कर रहे थे और कहां उनसे गलती हुई थी। धोनी ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में, उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें अभी भी उस दूसरे रन के लिए डाइविंग नहीं करने का पछतावा है जो मैच में भारत की किस्मत बदल सकता था। धोनी ने इंडिया टुडे को बताया, "मुझे हमेशा इस बात का दुःख रहेगा, शायद डाइव लगाकर रन आउट से बचा जा सकता था। मैं खुद को कोसता रहा कि धोनी क्यों नहीं छलांग लगाई, सिर्फ दो इंच का ही फासला था।''
इस खिलाड़ी से बार-बार क्यों हो रहा है धोखा, अब न्यूजीलैंड दाैरे से किया बाहर
बता दें कि भारत को न्यूजीलैंड से 240 रनों का लक्ष्य मिला था। उम्मीद थी कि भारत जीत जाएगा लेकिन शुरूआती तीन विकेट महज 5 रनों पर गिर गए। हालांकि सातवें नंबर पर आए धोनी ने मैच पलटने का प्रयास किया। धोनी ने सातवें विकेट लिए रविंद्र जडेजा के साथ 116 रनों की साझेदारी की। जडेजा 77 रन बनाकर आउट हुए, तब धोनी पर जिम्मेदारी आई। अंतिम दो ओवरों में 31 रनों की जरूरत थी। धोनी ने लॉकी फर्ग्यूसन से 49 वें ओवर की शुरुआत करते हुए खेल को व्यापक रूप से छोड़ने और अपना अर्धशतक पूरा करने के लिए एक बड़ा छक्का लगाया। ओवर की तीसरी गेंद पर धोनी ने एक सिंगल रन चुराने की कोशिश की लेकिन मार्टिन गप्टिल के शानदार थ्रो ने उन्हें आउट कर दिया। वह 50 रन बनाकर आउट हुए थे।।
धोनी के आउट होने के बाद, भारत ने युजवेंद्र चहल और भुवनेश्वर कुमार के विकेट 5 रन के अंदर खो दिए और 221 रनों पर ढेर हो गए और 18 रनों से मैच हार गए और वर्ल्ड कप से बाहर हो गए।