धोनी ने गावस्कर को चार दिनों से पीछे छोड़ा
सीरीज में लगातार तीन अर्धशतक लगाने वाले 37 साल और 195 दिन के इस सीनियर खिलाड़ी ने सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड तोड़ दिया। धोनी भारत के लिए सबसे ज्यादा उम्र में मैन ऑफ द सीरीज अवॉर्ड पाने वाले सबसे ज्यादा उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले गावस्कर 37 साल और 191 दिन की उम्र में ऐसा करने वाले खिलाड़ी थे। इस प्रकार धोनी ने गावस्कर को 4 दिनों से पीछे छोड़ दिया है। गावस्कर ने यह उपलब्धि श्रीलंका के खिलाफ दर्ज की थी। यह धोनी का वनडे मैचों में 7वां मैन ऑफ द सीरीज अवॉर्ड था। इसी के साथ वह विराट कोहली, एबी डीविलयर्स, विव रिचर्ड्स, युवराज सिंह, हाशिम अमला जैसे दिग्गजों की फेहरिस्त में शामिल हो चुके हैं। उनसे आगे केवल सचिन तेंदुलकर हैं जिन्होंने रिकॉर्ड 15 बार इस मैन ऑफ द सीरीज जीता है।
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सीरीज में 193 का औसत रहा धोनी का
आपको बता दें धोनी इस सीरीज के सबसे बड़े बल्लेबाज बनकर उभरे हैं। उन्होंने तीनों मैच में अर्धशतक जड़े जिसमें दो मैचों में मैच जिताऊ नाबाद पारी खेली। उन्होंने सीरीज के तीन मैचों में कुल 193 औसत बनाए और इतना ही उनका औसत भी रहा क्योंकि वे एक ही बार आउट हुए थे। धोनी ने सिडनी में 51, एडिलेड में 55 नाबाद और मेलबर्न में 87 नाबाद रनों की पारियां खेली थी। कोहली ने मैच के बाद धोनी की तारीफों के पुल बांधे जो स्वाभाविक थे। पूरी क्रिकेट बिरादरी और फैंस में धोनी के ही नाम की चर्चा थी। लेकिन कोहली ने उनके प्रदर्शन से इतर एक और बड़ी बात कही। कोहली ने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए धोनी से ज्यादा प्रतिबद्ध कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं है।
क्रिकेट में वापस लौटी 'क्लास'
धोनी के इस बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार कोई द्विपक्षीय सीरीज में जीत हासिल की। यह दोनों देशों के बीच केवल दूसरी इस तरह की सीरीज थी। गौरतलब है कि भारत ऑस्ट्रेलिया में ज्यादातर मल्टीनेशनल सीरीज में भाग लेता रहा है। पिछली बार जब दोनों देशों के बीच में 5 मैचों की सीरीज खेली गई थी तो उसका नतीजा ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में 4-1 रहा था। इस प्रकार भारत ने 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गोल्डन डबल पूरा कर लिया है। बता दें कि भारत ने इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में 4 मैचों की टेस्ट सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी। खास बात यह है उसमें भी धोनी की ही तरह के एक बेहद शांत खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा का जलवा देखने को मिला था। जो भी है इन बल्लेबाजों के प्रदर्शन से यही कहा जाएगा कि क्रिकेट में क्लास की एक बार फिर से वापसी हुई है।