क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी द ग्रेट फिनिशर के नाम से जाने जाते हैं लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथे वन-डे में धोनी भारत को जीत नहीं दिला पाए। शुरुआती ऑवरों में भारत का टॉप ऑर्डर ढहने के बाद एक बार फिर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर पूरा दारोमदार आ गया था। बहुत दिनों बाद धोनी बहुत धीमा खेलते हुए नजर आएं लेकिन लोगों को आशाएं थी कि धोनी मैच को जितवाएंगे। पर अफसोस ऐसा नहीं हो सका और धोनी 54 रन बनाकर चलते बनें।
धोनी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथे वन-डे में अपना 64वां अर्द्धशतक जरूर पूरा किया लेकिन वो उनके करीयर की सबसे धीमी पारियों में से एक थी। धोनी ने नार्थ साउंड (एंटिगा) के सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम में 108 गेंदों में अपनी फिफ्टी पूरी की उस वक्त धोनी की स्ट्राइक रेट 47.36 थी। धोनी ने 114 गेंदों का सामना किया जिसमें उन्होंने पहली बाउंड्री 103वीं गेंद पर लगाई। यह 2001 के बाद किसी भी भारतीय द्वारा खेली गई सबसे धीमी पारी है।
इससे पहले 2005 में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने 105 गेंदों में श्रीलंका के खिलाफ फिफ्टी ठोकी थी। धोनी के पिच पर डटे रहने के तक ऐसा लग रहा था कि वे अंतिम ऑवरों में तेज खेल कर मैच भारत की झोली में डाल देंगे जो कि उनके खेल का स्वभाविक हिस्सा है। लेकिन उनके आउट होने के बाद बाकि खिलाड़ी जीत नहीं दिला पाएं।
भारत को अंतिम 5 ऑवर्स में 31 रन की जरूरत थी तब धोनी और हार्दिक पांड्या क्रिज पर थे लेकिन पांड्या के आउट के होने के बाद जडेजा भी चलते बनें। फिर भी ऐसा लग रहा था कि धोनी अपने अंदाज में मैच को फिनिश करेंगे लेकिन 49वें ऑवर की अंतिम गेंद पर धोनी भी चलते बनें और उसके बाद मेहमान टीम ने कैरेबियाई खिलाड़ियों के आगे घुटने टेक दिए।
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