भारतीय क्रिकेट में धोनी की आगे भूमिका-
जी हां, यह अब स्पष्ट हो चुका है कि धोनी वेस्टइंडीज दौर के लिए नहीं जाएंगे। भारत के चार ODI विश्व कप खेल चुके इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने खुद ही अपने आपको इस दौरे के लिए अलग कर लिया है। धोनी ने ये फैसला अपनी जगह किसी योग्य खिलाड़ी का रास्ता बनाने के लिए किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार धोनी आगे कुछ समय तक ऐसा ही करते रहेंगे। इसका मतलब साफ है कि धोनी तुरंत संन्यास नहीं लेंगे बल्कि भारतीय क्रिकेट में बदलाव के दौर में अपनी भूमिका निभाएंगे। यानी वह टीम के पहली पसंद के विकेटकीपर भले ही नहीं होंगे लेकिन जब-जब टीम को उनके अनुभव की दरकार होगी तो वह उपलब्ध होंगे। ऐसे में धोनी की अनुपस्थिति में ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ी को अगली बड़ी भूमिका के लिए तैयार करने का मौका भी मिलता रहेगा और बीच-बीच में धोनी अपने अनुभव से टीम को फायदा पहुंचाते रहेंगे।
टीम का मार्गदर्शन करेंगे-
TOI से बातचीत करते हुए सूत्रों ने बताया- 'धोनी वेस्टइंडीज नहीं जाएंगे। वह आगे भी टीम इंडिया के फर्स्ट चाइस विकेटकीपर नहीं होंगे। पंत टीम में अब धोनी की जगह लेंगे और जब तक वह सेटल नहीं हो जाते तब तक धोनी के लिए भी टीम में गुंजाइश बनी रहेगी। इस समय तक धोनी बदलाव के दौर में टीम की मदद करते रहेंगे। यानी वह 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा हो सकते हैं लेकिन प्लेयिंग इलेवन का नहीं। टीम को इस दौरान धोनी के मार्गदर्शन की जरूरत होगी। ऐसे में यह इच्छा करना की धोनी चले जाए यह टीम हित में नहीं होगा।' इस बात के साथ यह भी साफ हो चुका है कि कोई भी धोनी से यह नहीं पूछेगा कि आप कब संन्यास लेना चाहते हैं। सूत्रों ने बताया- धोनी संन्यास लेंगे लेकिन इसमें जल्दबाजी किस बात की है?
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कितने समय और खेलेंगे धोनी-
बता दें कि विंडीज दौरे पर चयन के लिए चयनकर्ताओं की बैठक गुरुवार को होने जा रही है। माना जा रहा है कि दिनेश कार्तिक जो अब 35 साल के हो चुके हैं, भी टीम का हिस्सा बने रहेंगे। हालांकि इसमें यह बात भी अपनी भूमिका निभाएगी कि चयनकर्ता कार्तिक को टीम में किस तरह से फिट पाते हैं। सूत्रों ने यह भी बताया है कि पंत ही इस समय टीम में विकेटकीपर के लिए सबसे दमदार उम्मीदवार हैं । उनको अभी अपने ऊपर कुछ काम भी करना है। इस बदलाव के दौर के लिए एक साल का समय पर्याप्त होगा। इसके अलावा यह भी पता चला है कि धोनी अभी आईपीएल में खेलना जारी रखेंगे क्योंकि उनकी वहां भी इसी तरह से जरूरत है जैसी की भारतीय टीम को है। हालांकि चेन्नई सुपर किंग्स पूरी तरह से धोनी के ऊपर टिकी हुई है। ऐसे में धोनी के लिए वहां भी बदलाव के दौर में अपनी सार्थक भूमिका को अंजाम देना है।