वीवीएस लक्ष्मण
वीवीएस लक्ष्मण की गिनती महान क्रिकेटरों में की जाती है। उन्हें टेस्ट की लक्ष्मण रेखा कहा जाता था। लेकिन लक्ष्मण भी विदाई मैच खेलने काम माैका नहीं पा सके थे। उन्होंने साल 2001 में कोलकाता टेस्ट में लक्ष्मण ने 281 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी वो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक मानी जाती है। वैसे लक्ष्मण ने युवा खिलाड़ियों को ज्यादा मौका देने के लिए ही खुद को क्रिकेट से अलग कर लिया था। साल 2012 में लक्ष्मण ने आखिरी टेस्ट मैच भारत के लिए खेला था। उनके नाम टेस्ट में कुल 17 शतक और वनडे में 6 शतक दर्ज हैं।
युवराज सिंह
'सिक्सर किंग' युवराज सिंह ऐसे क्रिकेटर रहे जिन्हे फेयरवेल मैच खेलने का मौका मिलना चाहिए था। लेकिन खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर हुए और फिर वापस टीम में जगह नहीं बना सके। यही कारण रहा कि उन्हें फेयरवेल मैच नहीं मिला। उन्होंने भारत को 2007 टी-20 वर्ल्डकप और 2011 वर्ल्डकप जितवाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने ने भारतीय टीम के लिए वनडे में 304 मैच और टेस्ट में 40 मैच खेले, इसके अलावा टी-20 में कुल 58 मैच खेले। साल 2019 में युवराज ने क्रिकेट से संन्यास का फैसला कर लिया था।
वीरेंद्र सहवाग
सहवाग को भी फेयरवेल मैच खेलने का मौका नहीं मिला। उनके के नाम टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है। सहवाग ने साल 2008 में चेन्नई टेस्ट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 319 रनों की पारी खेली थी। आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच सहवाग ने 2013 में खेला था। वैसे बीसीसीआई ने उन्हें 2015 में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर फेयरवेल स्पीच देने के लिए बुलाया था। उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें एक ट्रॉफी भी सम्मान स्वरूप दी थी।
जहीर खान
पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान ने अपने करियर में 92 टेस्ट और 200 वनडे मैच खेले। उन्हें भी विदाई मैच नहीं मिला। कपिल देव के बाद टेस्ट में भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं। इसके अलावा 2011 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को जीत मिली थी तो जहीर ने अपनी गेंदबाजी से अहम भूमिका निभाई थी। 2011 वर्ल्डकप में जहीर ने कुल 21 विकेट चटकाकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज बने थे। जहीर ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था।
गौतम गंभीर
भारतीय क्रिकेट टीम ने जब 2011 का वर्ल्डकप फाइनल मैच श्रीलंका को हराकर जीता था उस ऐतिहासिक मैच में गंभीर ने 97 रन ठोके थे। उनकी ये पारी टीम को जीत दिलाने में बहुत उपयोदी साबित हुई थी, लेकिन फिर भी उन्हें विदाई मैच नहीं मिला था। यही नहीं, 2007 वर्ल्ड टी-20 में भी गंभीर की बल्लेबाजी कमाल की रही थी। लेकिन इन सबके बाद भी गंभीर अपना फेयरवेल मैच नहीं खेल सके. करियर के आखिर में जब गंभीर का फॉर्म खराब हुआ तो टीम से बाहर हुए। हालांकि, टीम से बाहर होने के बाद गंभीर ने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन दिखाया था।