स्पिनरों को ज्यादा टर्न मिला
कप्तान धोनी ने बयान देते हुए कहा, 'एलिमिनेटर और दूसरे क्वालीफायर के माध्यम से फाइनल में पहुंचना सामान्य मार्ग है, पिछले साल एक अपवाद था। लड़कों ने जिस तरह की प्रतिक्रिया दी वह शानदार थी। आप रनों के लिए जाएंगे, कुछ कैच छूटेंगे, लेकिन मजबूत वापसी करना जरूरी है। 140 से ज्यादा रनों का पीछा करने के लिए हमने जिस तरह से बल्लेबाजी की वह वास्तव में अच्छा था।' वहीं पिच को लेकर धोनी ने कहा कि मैच 7:30 बजे से शुरू से विकेट का रवैया कुछ बदल जाता है जिससे स्कोर करना मुश्किल हो जाता है। पिच की वजह से स्पिनरों को ज्यादा टर्न मिला। गेंदबाजी का प्रयास शानदार था, और हमने इसे सही क्षेत्रों में रखा, जिससे दिल्ली को बड़ा स्कोर नहीं मिला।
जरूरी था ओपनिंग जोड़ी को आउट करना
दिल्ली की ओपनिंग जोड़ी कुल मिलाकर 23 रन ही बना सकी, जिसमें 18 रन शिखर धवन के थे, जबकि पांच पृथ्वी शाॅ के। इनको जल्दी समेटने के बाद बाकी बल्लेबाज भी एक के बाद एक करके चलते बने। धोनी ने सलामी जोड़ी को जल्दी निपटाने पर कहा, 'उनके सलामी बल्लेबाजों को आउट करना महत्वपूर्ण है। उनकी बल्लेबाजी लाइन-अप वास्तव में मजबूत है और उनके पास कई बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और हमारे पास उन्हें नकारने के लिए बाएं हाथ के स्पिनर हैं। मैदान थोड़ा छोटा है, इसलिए उनके लिए विकेट हासिल करते रहना जरूरी है। विकेटों का समय बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि नए बल्लेबाजों के लिए आना और बड़े शॉट्स सीधे हिट करना मुश्किल था।
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अब मुंबई से होगा फाइनल
बता दें कि दिल्ली 14 मैचों में 18 अंकों के साथ प्लेआफ में पहुंची थी। अय्यर की कप्तानी में टीम ने बेहरतरीन खेल दिखाया। आईपीएल 2012 से लेकर 2018 तक का दाैर दिल्ली के लिए बेहद खराब रहा लेकिन इस बार दिल्ली ने अच्छा प्रदर्शन कर खोई हुई लय हासिल कर ली है। दिल्ली ने पहले बल्लेबाजी करते हुए रिषभ पंत के 38 रनों की मदद से जैसे-तैसे 147 रन बनाए। जवाब में चेन्नई की ओपनर जोड़ी फाॅफ डु प्लेसिस व शेन वाॅटसन की पहले विकेट के लिए हुई 81 रनों की साझेदारी ने दिल्ली की हार निश्चित कर दी। चेन्नई ने 6 विकेट रहते मैच अपने नाम कर लिया। इनके दोनों ओपनरों ने 50-50 रनों की पारियां खेलीं। अब चेन्नई का फाइनल में मुंबई इंडियंस के साथ 12 मई को हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में होना है।