नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने आपको विंडीज दौरे से अलग करके टेरिटोरियल आर्मी के साथ दो माह की ट्रेनिंग करने का फैसला लिया है। यहां पर वे अपनी पैराशूट रेजिमेंट के साथ बेसिक लेवल से ऊपर का अगला कोर्स पूरा करेंगे। धोनी को भारत की प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई है। वे 31 जुलाई से 15 अगस्त 2019 तक अपनी पैराशूट बटालियन के साथ रहेंगे। रिपोर्ट के अनुसार यह युनिट कश्मीर घाटी में विक्टर फोर्स का हिस्सा है।
इससे यह साफ हो चुका है कि धोनी की तैनाती भी कश्मीर घाटी में होगी और वे अपनी ट्रेनिंग के साथ ही पेट्रोलिंग, गार्ड और पोस्ट की ड्यूटी भी संभालेंगे। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने IANS को बताया है कि यह योजना कुछ समय से पाइपलाइन में थी।
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सू्त्र ने कहा- 'धोनी भारतीय क्रिकेट के महानतम योगदानकर्ताओं में रहे हैं, सेना के प्रति उनका प्यार सबको पता है। उनका सेना में कुछ समय बिताने का आइडिया पहले से तय था लेकिन क्रिकेट प्रतिबद्धताओं के कारण इसमें देरी आ रही थी।' हालांकि अब धोनी ने खुद क्रिकेट से ब्रेक लिया है और सेना में समय बिताने का उनको मौका मिल गया है। सूत्र ने आगे कहा- इससे कई युवाओं को भारतीय सेना के प्रति जागरूक होने और उससे जुड़ने की प्रेरणा मिलेगा। धोनी बस यही चाहते हैं।'
आपको बता दें कि विक्टर फोर्स राष्ट्रीय राइफल्स का ही एक अंग होता है और उसको कुछ खतरनाक मिशन को निपटाने का काम सौंपा जाता है। उत्तर-पूर्व के राज्यों में उग्रवाद पर काबू पाने के लिए 1990 में इसका गठन किया गया था। कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स के विक्टर फोर्स की तैनाती अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और बडगाम में है।