धोनी का उत्तराधिकारी होने का दबाव ले रहे हैं पंत
पंत के मुद्दे पर बात करते हुए एमएसके प्रसाद ने कहा,'जैसा कि रोहित शर्मा और सुनील गावस्कर ने पहले कहा है, ऋषभ पंत को अकेला छोड़ देना चाहिये। हर बात पर उनकी आलोचना करने से उन पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है और वह खुलकर नहीं खेल पा रहा है।'
प्रसाद ने कहा,' ऋषभ पंत में प्रतिभा कूट-कूट कर भरी है लेकिन वह खुद पर एमएस धोनी का उत्तराधिकारी होने का गैरजरूरी दबाव ले रहे हैं। उन्हें इससे बाहर निकलने के लिये खुद की प्रतिभा का सहारा लेना होगा और खुद पर विश्वास जताना होगा।'
फॉर्म में लौटने के लिये विश्वास भरी पारी की जरूरत
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से फॉर्म से जूझ रहे ऋषभ पंत कुछ वक्त पहले तक तीनों फॉर्मेट में विकेटकीपिंग के लिये भारतीय टीम की पहली पसंद थे, हालांकि खराब फॉर्म के चलते वह लगातार आलोचकों के निशाने पर बने हुए हैं। टेस्ट प्रारूप में चोट से उबर कर वापसी करने वाले ऋद्धिमान साहा के प्रदर्शन के चलते टेस्ट टीम में शामिल ऋषभ पंत को अंतिम 11 में खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा है।
प्रसाद ने कहा,' पंत इस समय बुरे दौर से गुजर रहे हैं। अपनी फॉर्म को वापस हासिल करने के लिये उन्हें कुछ अच्छी पारियों की जरूरत है। मैंने टीम मैनेजमेंट से उनको लेकर बात की है और उन्होंने भी साफ किया है कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।'
धोनी जैसा नहीं बन सकते ऋषभ पंत
उन्होंने कहा, 'पंत को इस बात को पता होना चाहिये कि उनकी पहचान खुद से है न कि धोनी के उत्तराधिकारी की वजह से है। उन्हें धोनी से अपनी तुलना पर ध्यान देना बंद करना चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि उनके दिमाग कुछ ऐसा ही चल रहा है। धोनी ने लगभग 15 साल खेलने के बाद अपनी छवि को इस स्तर का बनाया है। उनका आत्मविश्वास घरेलू और अंतरारष्ट्रीय दोनों स्तरों पर उनके शानदार प्रदर्शन की देन है।'
दबाव से निकलकर ही बन सकते हैं चैम्पियन
प्रसाद ने आगे कहा कि जहां तक दबाव की बात है तो उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिये कि खेल के इस स्तर पर सभी पर दबाव रहता है और जो इस दबाव को झेल लेता है वही वास्तविक चैंपियन बनता है।
आपको बता दें कि एमसके प्रसाद ने साल 2016 में भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता पद की कमान संभाली थी। प्रसाद से पहले रोहित शर्मा ने आलोचकों को ऋषभ पंत को अकेला छोड़ देने की अपील की थी जबकि सुनील गावस्कर ने पंत की प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए और मौकों की वकालत की थी।