ऋषष पंत पर प्रसाद ने की बात-
इस तरह की काबिलियत चंद ही खिलाड़ियों के पास होती है और अक्सर इनको सिरफिरा किस्म का बल्लेबाज कहा जाता है। जब एक सिरफिरा बल्लेबाज अपने शॉट्स लगाने की क्षमता पर कंट्रोल कर लेता है और उसको समय के हिसाब से इस्तेमाल करना सीख लेता है तो फिर वह दुनिया का सबसे घातक बल्लेबाज बन जाता है। भारत को ऋषभ पंत की जरूरत इस समय सबसे ज्यादा है क्योंकि विदेशी धरती पर उनका रिकॉर्ड अच्छा है जहां पर टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल मुकाबला खेलना है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 जून में साउथेंप्टन के एजेस बावल में होने जा रहा है। जब पंत के खराब दिन चल रहे थे तब भी वे आमतौर पर विदेशी धरती पर अच्छे टेस्ट बल्लेबाज माने जाते थे और अब तो वे साबित कर चुके हैं कि टेस्ट बल्लेबाज के तौर पर उनकी क्षमता पर शक नहीं किया जा सकता। ऐसे में कौन सी टीम को उम्मीद है होना लाजिमी ही है। इसी बीच भारत के पूर्व चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने 23 साल के युवा खिलाड़ी की तारीफ की है। criket.com के साथ एक इंटरव्यू में बात करते हुए उन्होंने बताया कि कई लोगों को यकीन नहीं था कि पंत इतने अच्छे क्रिकेटर के तौर पर उतरेंगे।
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लोगों ने कहा- वह टेस्ट प्रॉडक्ट नहीं है
उन्होंने कहा, "यही हम उत्तराधिकार के बारे में बात करते हैं। जब हमने पंत को चुना तो काफी विवाद हुआ था। लोगों ने कहा कि वह टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी नहीं कर सकता और चुनौतीपूर्ण विकेटकीपिंग भी नहीं कर सकता। तो, आज क्या हो गया है? देखिए, उन्होंने घर में इंग्लैंड के खिलाफ किस तरह से विकेटकीपिंग की। और जिस तरह से उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी चुनौतीपूर्ण बल्लेबाजी परिस्थितियों में बल्लेबाजी की। चयनकर्ता की भूमिका क्षमता की पहचान करना है। कई लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि पंत इतने अच्छे होंगे।"
साहा से ऊपर पंत को विदेशों में रखने का कारण बताया-
उन्होंने यह भी बताया कि ऋषभ पंत को साहा से आगे इसलिए रखा गया क्योंकि दिल्ली के इस खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से टीम मैनेजमेंट को एक तरीके से आश्वस्त कर दिया था कि उनका सपोर्ट किया कि जाना चाहिए। प्रसाद मानते हैं कि साहा उस समय अपनी विकेटकीपिंग क्षमता के चलते देश के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर थे और तब पंच का चुनाव करना आसान नहीं था। लेकिन पंत की क्षमता को देखते हुए टीम ने तय किया कि पंत विदेशी दौरों पर बैटिंग के कारण पहली पसंद के विकेटकीपर होंगे। इसके बाद आस्ट्रेलिया में पंत की बैटिंग ने टीम मैनेजमेंट को आश्वस्त कर दिया कि वह घरेलू धरती पर भी पंत को आजमा सकते हैं।