नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व मुख्य चयनकर्ता, एमएसके प्रसाद ने इस तथ्य पर अफसोस जताया कि मौजूदा पैनल में किसी भी सदस्य को इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक टेस्ट श्रृंखला जीत में टीम इंडिया के शानदार प्रदर्शन का कोई श्रेय नहीं मिला।
पूरे देश और क्रिकेट बिरादरी ने भारत की जीत की सराहना की लेकिन चेतन शर्मा के नेतृत्व वाली चयनकर्ताओं की वर्तमान टीम को किसी ने भी श्रेय नहीं दिया।
प्रसाद 2016 से 2020 तक चयन समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने बताया कैसे चयनकर्ताओं को भारतीय टीम की सफलता का कोई श्रेय नहीं मिलता है, लेकिन जब टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो सबसे पहले आलोचना का सामना करना पड़ता है। उनका निशाना यहां पर फैंस और क्रिकेट पंडितों पर था।
बहुत विवाद हुआ, कई लोगों ने कहा था पंत टेस्ट क्रिकेट में बैटिंग नहीं कर सकता- एमएसके प्रसाद
भारत के पूर्व विकेटकीपर ने 2019 की एक घटना का भी उदाहरण दिया जब फारुख इंजीनियर ने इंग्लैंड में विश्व कप के दौरान भारतीय चयनकर्ताओं को अनुष्का शर्मा के लिए चाय के कप जुटाते हुए देखने का दावा किया और प्रसाद के नेतृत्व वाली टीम को "मिकी माउस चयन समिति" भी कहा।
प्रसाद ने क्रिकेट मंथली को बताया, "जब हमारा एक चयनकर्ता भारतीय टीम के कप्तान की पत्नी को एक कप कॉफी की पेशकश करता है, तो यह एक बड़ा विवाद बन जाता है, लेकिन जब सात भारतीय सुपरस्टारों के बिना भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतती है, तो एक बार भी वह श्रेय नहीं दिया जाता।"
हालांकि प्रसाद ने कहा कि चयनकर्ताओं को जब मैनेजमेंट की ओर से सराहना मिलती है तो वही सबसे बड़ा इनाम है, भले ही अन्य लोग उन्हें भारतीय टीम की सफलता का श्रेय देना भूल जाते हैं।
प्रसाद और गंगन खोड़ा ने 2015 में जतिन परांजपे, सरनदीप सिंह और देवांग गांधी ने 2016 में समिति में शामिल होने के साथ पदभार ग्रहण किया था। प्रसाद का कार्यकाल मार्च 2020 में समाप्त हो गया।
वैसे तो कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम ने प्रसाद की चयन समिति के कार्यकाल के दौरान अभूतपूर्व सफलता का स्वाद चखा, वहीं 5 सदस्यीय पैनल के कई फैसले भी भारी जांच के दायरे में आए।