ये आंकड़े देते हैं संकेत
दरअसल, मुंबई ने इस बार क्वालिफायर-1 में खेलने का माैका पाया है। यह चाैथी पार देखने को मिला जब मुंबई को क्वालिफायर-1 में खेलने का माैका मिला। मुंबई जब भी क्वालिफायर-1 में खेली है तो उसने खिताब पर कब्जा किया है। गाैर हो कि 2013, 2015, 2017 के सीजन में भी मुंबई क्वालिफायर-1 में जगह बनाने में कामयाब हुई और चैंपियन बनीं। यही आंकड़े इशारे करते हैं कि कहीं इस बार भी मुंबई खिताब तो ना जीत जाए। हालांकि 2010 में भी उसने टॉप 4 में जगह बनाई थी, लेकिन तब सेमीफाइनल और तीसरे स्थान के लिए प्लेऑफ खेले जाते थे। उस वक्त पहले सेमीफाइनल में आरसीबी को हराने वाली ये टीम फाइनल में चेन्नई से पिटकर खिताब गंवा बैठी थी।
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यूं बनी थी 2013-2015-2017 की विजेता
मुंबई का 2013 में क्वालिफायर-वन में चेन्नई के साथ मुकाबला हुआ था, हालांकि इसमें उन्हें 48 रनों से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन दूसरे क्वालिफायर में मुंबई ने राजस्थान रॉयल्स को हराकर फाइनल में जगह बनाई जहां उसने चेन्नई को फिर 23 रनों से हराकर पहला खिताब जीता था। इसके बाद 2015 की कहानी भी ऐसी रही। तब मुंबई क्वालीफायर 1 में चेन्नई को हराकर फाइनल में पहुंची थी। फिर मुंबई ने जीत की हैट्रिक लगाई फाइनल में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स को 1 रन से हारकर। उस समय मुंबई को क्वालिफायर-1 में पुणे से ही हार मिली थी, लेकिन मुंबई ने क्वालिफायर-2 मुकाबले में कोलकाता को हराकर फाइनल में प्रवेश किया था।
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अब चेन्नई से होगा सामना
मुंबई का अबकी बार क्वालिफायर में चेन्नई से होना है। दोनों का मुकाबला 7 मई को होगा। अगर मुंबई यहां हार भी जाती है तो उसको फाइनल में पहुंचने के लिए फिर माैका मिलेगा। हारने पर मुंबई को एलिमिनेटर में विजयी रहने वाली टीम के साथ भिड़ना होगा। एलिमिनेटर में दिल्ली-हैदराबाद का मुकाबला 8 मई को विशाखापट्टनम में होगा।