सकारात्मक रहने की कोशिश
मैच के बाद बोलते हुए, किशन ने कहा, "मैं सिर्फ सकारात्मक रहने की कोशिश कर रहा था। छोटे लक्ष्यों को हासिल करना कभी-कभी मुश्किल हो सकता है। दूसरे बल्लेबाज हमेशा क्विंटन डिकॉक के साथ बल्लेबाजी में व्यस्त रहते हैं। उनके साथ बल्लेबाजी करना हमेशा अच्छा लगता है। मुझे उनसे सीखने को मिलता है। यह मैच हमारे लिए वास्तव में महत्वपूर्ण था, क्योंकि चेन्नई एक अनुभवी टीम है। उनका सामना करना कभी आसान नहीं होता।"
चेन्नई के बल्लेबाज नाकाम रहे
वहीं मैच की बात करें टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए चेन्नई ने 20 ओवर में नौ विकेट पर 114 रन बनाए। सैम करन को छोड़कर चेन्नई के सभी बल्लेबाज विफल रहे। अगर ऑलराउंडर सैम करन (नाबाद 52, 47 गेंद, चार चौके, दो छक्के) ने निचले क्रम में अर्धशतक नहीं जड़ा होता तो चेन्नई शर्मनाक स्थिति में होती। चेन्नई के कप्तान एमएस धोनी केवल 16 रन बना सके। शीर्ष क्रम के बल्लेबाज दोहरे आंकड़े तक भी नहीं पहुंच सके।
किशन, डीकॉक और बोल्ट का महत्वपूर्ण योगदान रहा
चेन्नई के खिलाफ, किशन ने 37 गेंदों पर नाबाद 68 रन बनाए। डिकॉक ने भी उन्हें एक बड़ी संगत दी। उन्होंने 37 गेंदों में नाबाद 46 रन बनाए। मुंबई ने 12.2 ओवर में बिना विकेट खोए 115 रन का लक्ष्य हासिल किया। इससे पहले मुंबई के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने सिर्फ 18 रन देकर चार विकेट लिए थे।