नई दिल्ली। क्रिकेट मैदान तक पहुंचने का सफर महेंद्र सिंह धोनी के लिए आसान नहीं रहा। पूर्व भारतीय कप्तान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए चुने जाने से पहले भारतीय रेलवे में एक टिकट कलेक्टर थे। मजेदार बात है कि क्रिकेट उनका पहला प्यार भी नहीं था। क्रिकेट से पहले उन्हें फुटबॉल से प्यार था जबकि उनके बड़े भाई नरेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट के प्रति अधिक आकर्षित थे। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने खेल को बदल दिया। एमएस धोनी क्रिकेट में और उनके भाई नरेंद्र एक फुटबॉलर में बदल गए। धोनी के भाई ने कहा, "माही एक फुटबालर-क्रिकेटर है और मैं एक क्रिकेटर से फुटबॉलर था।"
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नरेंद्र, जो महेंद्र से 10 साल बड़े हैं। उन्होंने कहा कि धोनी को क्रिकेट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी क्योंकि वह तब बच्चा था। अपने खेल जीवन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "शायद माही, जो उस समय बहुत छोटा था, मेरे क्रिकेट के बारे में नहीं जानता। मैं अपनी स्कूल की टीम के लिए फुटबॉल खेलता था। मैं गोलकीपर की भूमिका में अपनी टीम से खेलता था। इस समय माही काफी छोटा था। भले ही मैं उस दौरान क्रिकेट नहीं खेलता था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट को उत्सुकता से देखा करता था।
कप्तान के रूप में अपने भाई की उपलब्धि के बारे में, नरेंद्र ने कहा कि मेरे लिए दो फाइनल में माही का योगदान सबसे बड़ा है। एक कप्तान के रूप में, 2007 में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी व पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में आखिरी विकेट लेने के लिए शॉर्ट फाइन-लेग पर एक फील्डर रखने के फैसले ने भारत को टी-20 विश्व कप दिला दिया था। 2011 आईसीसी विश्व कप में भी उन्होंने खुद ऊपर आकर जिम्मेदारी ली थी और भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।