खराब रोशनी के नियम को बदले आईसीसी
नासिर हुसैन का मानना है कि खराब रोशनी के चलते पिछले कई सालों से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट प्रभावित हो रहा है, ऐसे में वह वक्त आ गया है जब आईससी को इससे जुड़े नियम को बदल देना चाहिये। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में आईसीसी खराब रोशनी का फैसला पूरी तरह से अंपायरों पर छोड़ती है जिसके अनुसार वो जो फैसला लेंगे ही किया जायेगा। ऐसे में अंपायर खराब रोशनी में खेलने को खतरनाक मानते हुए उस दिन के लिये खेल को रोक देते हैं। इससे कई बार अहम मुकाबलों का निर्णय नहीं निकल पाता है।
खराब रोशनी में फ्लड लाइट का हो इस्तेमाल
इंग्लैंड के लिये 96 टेस्ट मैच में 5764 रन बनाने वाले पूर्व कप्तान नासिर हुसैन का मानना है कि भले ही मैदान पर रोशनी थोड़ी खराब हो लेकिन अंपायर चाहें तो फ्लड लाइट की मदद से खेल को जारी रख सकते हैं।
स्काई स्पोर्ट्स क्रिकेट पर बात करते हुए नासिर हुसैन ने कहा, 'यह एक ऐसी चीज है जिसकी आपको कोशिश करनी होगी और इस खेल में नये व्यक्ति को समझानी होगी। आप इतना सारा धन लाइट में खर्च करते हो, लाइट को चलाइये। इस मौके पर उन्होंने बारिश की वजह से ऐसा किया। यह ऐसी चीज है जिसे मैं चाहूंगा कि आईसीसी इसमें बदलाव करे। वे भले ही कह सकते हैं कि 'आप संन्यास ले चुके हो' और आंकड़ों की बात करते हो, लेकिन देखिये, लाइट अभी जली हुई हैं। अगर अभी बारिश नहीं हो रही तो शायद खिलाड़ी इस चीज को समझ सकते हैं कि खेल को खुद को बेचते रहना चाहिए और अगर आप रूक सकते हो तो रुके रहिये।'
पहले भी हो चुकी है आईसीसी के इस नियम की आलोचना
गौरतलब है कि खराब रोशनी से जुड़े नियमों को लेकर आईसीसी की पहले भी आलोचना की जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच जनवरी में एससीजी मैदान पर हुए टेस्ट मैच के चौथे दिन का खराब रोशनी के चलते रोक दिया गया था जिसके बाद इन नियमों पर सवाल उठाते हुए इनकी आलोचना की गई थी। इतना ही नहीं साल 2013 की एशेज सीरीज में इंग्लैंड को 227 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 24 गेंद में 21 रन बनाने की जरूरत थी और उसके पांच विकेट बाकी थे लेकिन अंपायरों ने खराब रोशनी के कारण मैच रोक दिया था।