दो बड़ी टीमें बगैर WTC के कैसे खेल रही हैं ?
जीं हां, यह केवल एक द्विपक्षीय सीरीज है जिसमें हार-जीत के मायने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की अंक तालिका पर नहीं पड़ेंगे। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि दो बड़े देशों के बीच आखिर ये कैसे टेस्ट मैच हो रहे हैं जिनका टेस्ट चैम्पियनशिप से कोई मतलब ही नहीं है। दरअसल इसके पीछे टेस्ट चैम्पियशिप का ही एक नियम है। आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप नियमों के अनुसार, प्रत्येक टीम को घर पर तीन सीरीज और विदेशों में इतनी ही संख्या में सीरीज खेलनी है। यह चैम्पियनशिप दो साल के अंतराल के बाद लॉर्ड्स में खेले जाने वाले टॉप दो टीमों के फाइनल के साथ पूरी हो जाएगी। वर्तमान दो साल के चक्र में, इंग्लैंड को दक्षिण अफ्रीका में चार टेस्ट (दिसंबर 2019), श्रीलंका में दो टेस्ट (मार्च 2020) और भारत में पांच टेस्ट (जनवरी 2021) खेलने हैं।
एक नियम जिसने अंग्रेजों की फजीहत होने से बचा ली-
ऐसे में एक और विदेशी सीरीज इंग्लैंड के अंकों के साथ गड़बड़ पैदा कर सकती थी और इस तथ्य को देखते हुए न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच साधारण द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज हो रही है। वैसे सीरीज के पहले मैच के नतीजे के बाद इंग्लैंड की टीम काफी राहत में होगी क्योंकि न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड पहले टेस्ट में बुरी तरह से धोया था जबकि यह सीरीज दो मैचों की ही है। इस हिसाब से इंग्लिश टीम को 60 अंकों का नुकसान झेलना पड़ता जो काफी ज्यादा होता।
कोहली-धोनी द्वारा इज्जत ना देने की बातों पर एमएसके प्रसाद ने किया ये खुलासा
इंग्लैंड से ही हुई थी चैम्पियनशिप की शुरुआत-
बता दें कि दो साल की आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच धमाकेदार एशेज सीरीज से ही शुरु हुई थी। यह सीरीज ड्रा हुई थी जिसमें स्टीव स्मिथ ने 110 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए 774 रन बनाए थे और तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने भी शानदार गेंदबाजी की थी जिसकी बदौलत कंगारूओं ने साल 2001 के बाद पहली बार अंग्रेजों की धरती से एशेज रिटने करने में कामयाबी हासिल की थी।