पहले 2009 में टूटा था कीवियों का दिल
न्यूजीलैंड का ऑस्ट्रेलिया द्वारा सबसे पहले 2009 में दिल टूटा था, जब आईसीसी चैंपियंस ट्राॅफी का फाइनल खेला गया था। तब ब्रैंडन मैक्कुलम टीम के कप्तान थे। मुकाबला सेंचुरियन में खेला गया था। तब न्यूजीलैंड ने टाॅस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन कंगारू गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी कर अपना पलड़ा भारी रखा। न्यूजीलैंड की टीम 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 200 रन ही बना सकी। जवाब में ऑस्ट्रेलिया के लिए शेन वाटसन ने नाबाद 105 रनों की शतकीय पारी खेल 45.2 ओवर में ही 6 विकेट रहते मैच जीत लिया। इस तरह कीवी टीम का खिताब जीतने का सपना कंगारूओं के हाथों पहली बार टूट गया।
2015 में फिर ऑस्ट्रेलिया पड़ा भारी
ब्रैंडन मैक्कुलम की कप्तानी में फिर से कीवी टीम ने आईसीसी वनडे विश्व कप 2015 के फाइनल में पहुंचकर खितात जीतने का सपना देखा। लेकिन उनका फाइनल में फिर ऑस्ट्रेलिया से सामना हुआ। लगा था कि मैक्कुलम 2009 की हार का बदला लेंगे, लेकिन उलटा हो गया। इस बार फिर न्यूजीलैंड ने टाॅस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। जेम्स फाॅकनर व मिचेल जाॅनसन के 3-3 विकेट के दम पर कंगारूओं ने न्यूजीलैंड को 283 पर ढेर कर दिया। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने माइकल क्लार्क की 74 और स्टीव स्मिथ की नाबाद 56 रनों की मदद से 33.1 ओवर में 7 विकेट रहते लक्ष्य हासिल कर लिया।
2021 में भी नहीं ले पाए बदला
अब संयोग देखो...एक बार फिर इन दोनों टीमों के बीच किसी आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में टक्कर हुई। आईसीसी टी20 विश्व कप 2021 में न्यूजीलैंड ने जिस तरीके से इंग्लैंड को सेमीफाइनल में हराया था, उससे देख कीवियों का पलड़ा भारी लग रहा था। साथ ही माना जा रहा था कि इस बार कीवी बदला लेंगे और पहली बार ट्राॅफी जीतेंगे। लेकिन कहानी फिर वही घटती दिखी। इस बार ये अलग हुआ कि ऑस्ट्रेलिया ने टाॅस जीता और न्यूजीलैंड को बल्लेबाजी के लिए न्याैता दे दिया। न्यूजीलैंड ने कप्तान केन विलियमसन की 85 रनों की पारी से 172 रन तो बनाए, लेकिन कंगारूओं ने 18.5 ओवर में ही 8 विकेट रहते मैच जीत लिया।