नई दिल्ली। शशांक मनोहर ने बुधवार को अपने उत्तराधिकारी की घोषणा के एक सप्ताह पहले आईसीसी अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ दिया। मनोहर के पास कार्यकाल बढ़ाने का माैका था लेकिन उन्होंने दिसंबर में ही कह दिया था कि वो चेयरमैन का पद छोड़ रहे हैं। मनोहर के पद छोड़ने के कदम को कई पूर्व और वर्तमान बीसीसीआई सदस्यों की आलोचना मिली। उनके अनुसार, मनोहर अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय क्रिकेट को हुई क्षति के लिए जिम्मेदार थे। बीसीसीआई के प्रमुख एन श्रीनिवासन ने भी मनोहर को 'राष्ट्र-विरोधी 'करार दिया। तो वहीं अब बीसीसीआई के पूर्व सचिव निरंजन शाह भी शशांक मनोहर पर बरसे हैं।
शाह के अनुसार, मनोहर का पद छोड़ने का कदम स्पष्ट नहीं था और उन्हें अब पीछे देखना होगा और आकंलन करना होगा कि उनकी वजह से भारत को कितना नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, ''अब आईसीसी चेयरमैन के पद से हटने के बाद शशांक आईसीसी के अध्यक्ष के रूप में और बीसीसीआई के मंच के रूप में अपने कार्यकाल का मूल्यांकन कर सकते हैं। वह आकलन कर सकते हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय क्रिकेट और बीसीसीआई को क्या नुकसान पहुंचा है।''
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शाह ने उस चरण को भी प्रतिबिंबित किया जिसके माध्यम से बीसीसीआई पिछले दो वर्षों में चला गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह आईसीसी पर अपना प्रभाव छोड़ने के लिए भारतीय बोर्ड के वर्तमान और मजबूत नेतृत्व के बारे में आशावादी हैं। शाह ने आगे कहा, ''बीसीसीआई पिछले कुछ वर्षों में बहुत उथल-पुथल से गुजरा। और इन वर्षों के दौरान ICC ने हर संभव तरीके से भारत और BCCI के क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने का अनुचित लाभ उठाया। हालांकि, मुझे पूरा विश्वास है कि बीसीसीआई के मजबूत और योग्य नेतृत्व के पास आईसीसी में मजबूत, लाभदायक और रचनात्मक प्रतिनिधित्व और पहल होगी।''