नई दिल्ली। गलवान घाटी में 15 जून को 20 भारतीय सैनिकों की मौत के बाद चीन के खिलाफ जमकर विरोध किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने चीन को सबक सिखाने के लिए टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप को भी बैन कर दिया है। लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अभी भी चीनी मोबाइल कंपनी वीवो का करार है। इसको लेकर लेकर एक रिव्यू मीटिंग होनी है, लेकिन अभी तक इसकी कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर 'वीवो' है, जो चीनी कंपनी है। कई भारतीय क्रिकेटर्स भी अब 'वीवो' से करार तोड़ने की मांग कर रहा है।
एएनआई के ट्वीट के मुताबिक बीसीसीआई के सूत्र ने कहा, ''फिलहाल IPL रिव्यू मीटिंग की तारीख को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। कुछ मामले हैं जिनपर बीसीसीआई अभी काम कर रहा है। आईपीएल के आसपास के सभी मसलों को जब निपटा लिया जाएगा तब यह मीटिंग होगी।'' बता दें कि इससे पहले मंगलवार को किंग्स इलेवन पंजाब के को-ओनर नेस वाडिया ने भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण आईपीएल में चीन की कंपनियों के प्रायोजन को खत्म करने की मांग की थी।
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As of now, no date has been decided for the Indian Premier League (IPL) review meeting, there are issues that BCCI is looking into. The meeting will happen once we work on all the surrounding issues of IPL: BCCI Sources
— ANI (@ANI) July 1, 2020
बीसीसीआई को चीन की कंपनियों द्वारा प्रायोजन की समीक्षा के लिए आईपीएल संचालन परिषद की बैठक करनी थी लेकिन ये अबतक नहीं हो पाई। बता दें कि चीन की मोबाइल फोन कंपनी वीवो आईपीएल की टाइटल प्रायोजक है और प्रत्येक साल भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को 440 करोड़ रुपए देती है। यह करार 2022 तक चलेगा। आईपीएल से जुड़ी कंपनियों पेटीएम, स्विगी और ड्रीम इलेवन में भी चीन की कंपनियों का निवेश है। केवल आईपीएल ही नहीं बल्कि अन्य खेलों में भी चीन की कंपनियों का करार है। वहीं चेन्नई सुपर किंग्स सहित अन्य टीमों ने कहा कि वे सरकार के फैसले को मानेंगी।