एक साथ तोड़ा तीन कप्तानों का रिकॉर्ड :
क्रिकेट के तीनों प्रारूप में अदभुत खेल का प्रदर्शन करने वाले कोहली, कप्तान के तौर पर इस खेल को एक नया इतिहास दे रहे हैं। बतौर कप्तान टेस्ट में शतक मारने वाले कप्तानों की सूची में उन्होंने एक साथ एलेन बॉर्डर, स्टीव वॉ और स्टीव स्मिथ के संयुक्त 15 शतक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और अब उनके नाम 16 शतक हैं। कप्तान के तौर पर शतक लगाने वाले खिलाड़ियों के मामले में दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ (25 शतक) और ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग ही उनसे आगे हैं।
विदेशी जमीन पर सबसे अधिक रन :
विराट को मॉडर्न क्रिकेट में रन-मशीन के विशेषण से सुशोभित किया जाता है और वो इस विशेषण को अपने गोल्डन टच से एक नए मुकाम पर ले जा रहे हैं। विदेशी जमीन पर सबसे अधिक रन बनाने वाले टेस्ट कप्तानों की सूची में अब वो शीर्ष पर काबिज हो चुके हैं। उन्होंने विदेशी धरती पर अब तक 1827 रन बनाए हैं। सौरव गांगुली इस मामले में 1693 रन के साथ दूसरे नंबर और धोनी 1591 रन के साथ तीसरे नंबर पर मौजूद हैं। कोहली ने ये रन सिर्फ 30 पारियों में बनाए हैं जबकि गांगुली ने 43 पारियों में 43.41 की औसत से 1693 रन बनाए थे।
बतौर कप्तान इंग्लैंड में कोहली के सबसे अधिक रन :
विराट कोहली बतौर कप्तान रोज नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। क्रिकेट के इतिहास का शायद ही ऐसा कोई पन्ना होगा जिस पर अब धीरे-धीरे ही सही उनका नाम अंकित न हो रहा हो। उन्होंने अपनी शतकीय पारी के दौरान मोहम्मद अज़हरुद्दीन के इंग्लैंड में किसी भी कप्तान के एक सीरीज में बनाए सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। साल 1990 में अजहर ने इंग्लैंड के खिलाफ एक श्रृंखला में सर्वाधिक 426 रन बनाए थे। कोहली ने मौजूदा श्रृंखला में 430 रन बना लिए हैं। सौरव गांगुली ने इससे पहले साल 2002 में 351 रन बनाए थे वहीं धोनी ने साल 2014 में एक श्रृंखला में 349 रन बनाए थे और विजय हजारे ने साल 1952 में 333 रन बनाए थे।
बड़े स्कोर करने के महारथी बने विराट :
इंग्लैंड दौरे पर जाने से पहले कोहली से 2014 दौरे के 'भूत' की बात हो रही थी, पिछले साल उन्होंने 10 पारियों में महज 134 रन जुटाए थे लेकिन उन्होंने अपनी शानदार बल्लेबाजी से इसे लगभग दफन कर दिया है। ट्रेंटब्रिज टेस्ट में अगर भारत को जीत मिलती है तो कोहली अपना यह शतक शायद जीवन में कभी शायद ही भूल पाएं। कोहली एक ऐसे एलिट पैनल में शामिल हो गए हैं जिसमें कई दिग्गज खिलाड़ी पहले से शामिल हैं। विराट ने किसी भी टेस्ट मैच में 12 बार 200 या उससे अधिक का स्कोर पार किया है। कुमार संगकारा इस सूची में 17 बार, ब्रायन लारा 15 बार, सर डॉन ब्रैडमैन 14 बार, रिकी पोंटिंग 13 बार और यूनिस खान ने 11 बार यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
पचासा को शतक में बदलने में कोहली अव्वल :
कोहली पिछले दो साल से क्रिकेट के हर प्रारूप में शानदार क्रिकेट खेल रहे हैं। उन्होंने 2016 के बाद 73.33 फीसदी अर्धशतक को सैकड़े में तब्दील किया है। पिछले दो साल में उन्होंने 15 बार अर्धशतक का आंकड़ा पार किया और इसे 11 बार शतक में तब्दील करने में कामयाब रहे। अगर कंवर्जन रेट की बात करें तो वो सर डॉन ब्रैडमैन के बाद दूसरे सबसे अधिक शानदार कन्वर्जन वाले खिलाड़ी बन गए हैं। सर ब्रैडमैन ने 69.05% के रेट से अर्धशतक को शतक में तब्दील किया तो विराट 56.09 फीसदी की दर से पचासा को शतक में बदल रहे हैं। कलाई के जादूगर इस मामले में 51.16% रेट के साथ चौथे नंबर पर काबिज हैं। बतौर कप्तान कोहली ने 71 फीसदी कंवर्जन रेट से पिछले दो साल में टेस्ट रन बनाए हैं।मौजूदा दौर में केन विलियमसन 41.7 फीसदी, स्टीव स्मिथ 53.6% और जो रूट 12.5 फीसदी के साथ दूसरे, तीसरे और चौथे नंबर पर मौजूद हैं।
चार पारियों में पचासा का 'पंच'
कोहली ने मौजूदा श्रृंखला में दूसरी बार टेस्ट में लगातार दो पारियों में 50+ का स्कोर जड़ा है। कोहली ने बतौर कप्तान एक दो नहीं बल्कि 5 बार यह कमाल किया है। इससे पहले धोनी ने यह शानदार प्रदर्शन 4 बार किया था और मंसूर अली खान पटौदी ने तीन बार यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था। कोहली ने मौजूदा श्रृंखला में चार पचासा जड़ा है। सुनील गावस्कर ने साल 1979 में पांच बार पचासा जड़ा था, वो ऐसा करने वाले एक मात्र भारतीय खिलाड़ी हैं।
सचिन और सौरव के संग विराट का भी नाम :
विराट नर्वस 90s में भी आउट हों तो एक नया रिकॉर्ड ही बन जाता है। नॉटिंघम टेस्ट की पहली पारी में जब वो महज 3 रनों से अपना शतक चूक गए तब भी उनके नाम एक रिकॉर्ड जुड़ गया। विराट कोहली इससे पहले (पांच साल पहले) साल 2013 में जॉहन्सबर्ग में 96 के स्कोर पर आउट हुए थे। इन दो नर्वस 90s के बीच उन्होंने अब तक 17 शतक ठोक दिए हैं। विराट 13 साल बाद नर्वस 90s में आउट होने वाले खिलाड़ी बने, इससे पहले ब्रायन लारा साल 2004 में Edgbaston में 95 रन पर आउट हुए थे। 'क्रिकेट के भगवान' सचिन तेंदुलकर नॉटिंघम के ट्रेंटब्रिज मैदान पर 2 बार और सौरव गांगुली एक बार नर्वस-90s का शिकार हो चुके हैं।
4 साल बाद टीम इंडिया के टॉप-7 का कमाल :
नॉटिंघम में टीम इंडिया के टॉप-7 खिलाड़ियों ने एक अदभुत कमाल किया है। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के पिछले चार साल में किए दौरे में पिछली बार टीम इंडिया के 7 खिलाड़ियों ने साल 2014 में दहाई अंक का आंकड़ा छुआ था। पिछले 10 टेस्ट मुकाबले में टीम इंडिया के टॉप-सेवन ने दहाई अंकों का आंकड़ा पार नहीं किया था। साल 2013-14 में टीम इंडिया ने गाबा के मैदान पर यह कमाल किया था। इंग्लैंड दौरे पर लॉर्ड्स में साल 2011 के दौरे में टीम इंडिया के टॉप-7 ने यह कमाल किया था। नॉटिंघम टेस्ट में भारतीय टीम ने यह कमाल किया है।
टीम इंडिया की 5 विशाल पारियां :
विराट का पराक्रम, पुजारा का पेशेंस, रहाणे की सधी पारी और पांड्या के 'पावर हिट' से टीम इंडिया ने दूसरी पारी घोषित कर इंग्लैंड को 521 रनों का विशाल लक्ष्य दिया है। तीसरी पारी की समाप्ति के बाद यह टीम इंडिया का पांचवां सबसे विशाल लक्ष्य है। वेलिंग्टन में साल 2009 में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 616, श्रीलंका के खिलाफ साल 2017 में 549, मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 515, अहमदाबाद में श्रीलंका के खिलाफ 508 और ओवल में साल 2007 में 499 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था।
सहवाग के रिकॉर्ड की बराबरी :
नॉटिंघम टेस्ट में 23वां शतक लगाने के साथ ही विराट संयुक्त रूप से चौथे सबसे अधिक शतक लगाने वाले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। विराट कोहली ने अपने 23वें शतक से विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की बराबरी कर ली है। टीम इंडिया के तीन दिग्गज खिलाड़ी ही अब टेस्ट शतकों के मामले में उनसे आगे हैं। सचिन तेंदुलकर के नाम टेस्ट में 51, राहुल द्रविड़ के नाम 36 और सुनील गावस्कर के नाम 34 शतक हैं।
इंजमाम का रिकॉर्ड भी तोड़ा :
क्रिकेट में किसी भी मैदान पर शतक लगाने की बात हो और विराट का नाम न आए यह भला कैसे हो सकता है। पिछले चार सालों में विराट कोहली ने विदेशी जमीन पर एक से बढ़कर एक पारियां खेली हैं। एशिया के बाहर (विदेशी पिचों पर) अब उनके नाम 11 शतक हैं उन्होंने पाकिस्तान के इंजमामुल हक के 10 शतक का रिकॉर्ड तोड़ यह आंकड़ा अपने नाम किया। तेंदुलकर के नाम विदेशी जमीन पर सबसे अधिक 18, सुनील गावस्कर के नाम 15 और राहुल द्रविड़ के नाम 14 शतक हैं। जिस तरह कोहली अपने जीवन के प्राइम फॉर्म से गुजर रहे हैं वो दिन दूर नहीं जब इन रिकॉर्डों की सूची में उनका नाम सबसे ऊपर होगा।