तेंदुलकर और लक्ष्मण मिलकर भी ब्रैडमैन को टक्कर नहीं दे पाते-
ब्रैडमैन का टेस्ट क्रिकेट में औसत सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण को मिलाकर कर देने से भी ज्यादा है। उन्होंने 52 टेस्टों में 99.94 के औसत से रन बनाए हैं। उस जमाने में बहुत ही कम क्रिकेट खेला जाता था इसलिए अपने पूरे करियर में ब्रैडमैन ने 52 टेस्ट मैच खेले थे। अगर वे अपनी आखिरी टेस्ट पारी में 4 रन और बना लेते तो औसत पूरा 100 का हो जाता। ब्रैडमैने ने 52 टेस्ट मैचों में 80 पारियां खेली जिसमें 29 शतक बनाए।
इस दौरान ब्रैडमैन ने 234 फर्स्ट क्लास मैच भी खेले जिसमें उन्होंने 95.14 के औसत से रन बनाए। उन्होंने इस मैचों में 338 पारियां खेली और 117 शतक बनाए। इसका मतलब यह है कि यहां ब्रैडमैन हर दूसरे मैच में शतक बना रहे थे।
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क्या ब्रैडमैन कभी फ्लॉप होते थे?
अगर ब्रैडमैन ने शतक बना लिया तो वे मुश्किल से ही अपना विकेट फेंकते थे। उनके 29 टेस्ट शतकों में 10 दोहरे शतक थे और दो तिहरे शतक थे। उनका एक दोहरा शतक 299 रन नाबाद था। अगर ब्रैडमैन शतक बनाते थे तो इस बात की 40 प्रतिशत संभावना थी कि वे दोहरा शतक लगाएंगे।
मजेदार बात यह है कि जब ब्रैडमैन किसी सीरीज या मैच में 50-60 का स्कोर या औसत रखते तो यह कहा जाता था कि डॉन ब्रैडमैन फेल हो गए। अंग्रेजों के उनके खिलाफ जब बॉडीलाइन गेंदबाजी करने की रणनीति अपनाई थी तब ब्रैडमैन ने उस सीरीज में 56.57 के औसत से रन बनाए थे। उस समय अंग्रेज ब्रैडमैन को इतने पर ही रोकने से बहुत खुश थे। सबने कहा कि ब्रैडमैन फ्लॉप हुए।
टेस्ट करियर में केवल 6 छक्के लगाए-
ब्रैडमैन एक फ्लो में खेलने वाले बल्लेबाज थे लेकिन उनको अधिक जोखिम लेना पसंद नहीं था। उनका खेल बिना छक्कों के ही रनों के अंबार लगा रहा था। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में केवल 6 ही छक्के लगाए थे। इनमें 5 इंग्लैंड के और 1 भारत के खिलाफ आया था। हालांकि उन्होंने 618 चौके लगाए।
ब्रैडमैन मैदानी शॉट्स खेलने में ही इतने तेज थे कि उन्होंने टेस्ट करियर में 6 बार एक ही सत्र में शतक लगाया था।
ब्रैडमैन ने अपने टेस्ट करियर में ऑस्ट्रेलिया के 26 प्रतिशत रन बनाए थे।