जीरो से हीरो बने एमएस धोनी
क्रिकेट में ऐसा बेहद कम देखने को मिलता है कि अगर किसी खिलाड़ी को मौका मिले और वो कुछ खास न कर पाये तो उसे इस कदर मौका मिला है और फिर वह दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में से एक बन जाये। लेकिन एमएस धोनी के साथ बिल्कुल ऐसा ही हुआ है। एमएस धोनी ने जीरो से अपने करियर की शुरुआत की थी। यहां जीरो का मतलब ऐसा नहीं है कि सुविधा रहित जीवन से बल्कि यहां उनकी पहली पारी की बात हो रही है।
बांग्लादेश के खिलाफ अपने पहले मैच में धोनी बिना कोई रन बनाये वापस लौट गये थे।
बांग्लादेश के खिलाफ दबाव में था भारत
बांग्लादेश दौरे पर पहुंची भारतीय टीम ने चट्टोग्राम में खेले जा रहे इस मैच में खराब शुरुआत की और टॉस हारकर पहले ब्लेलबाजी करने उतरी। कप्तान सौरभ गांगुली ने ओपनिंग करने आए खराब शुरुआत की पहले तीन विकेट (सौरभ गांगुली (0), और सचिन तेंदुलकर (19), युवराज सिंह (21)) जल्दी खो दिये।
यहां से राहुल द्रविड़ (53) और मोहम्मद कैफ (80) ने अच्छी साझेदारी करते हुए भारतीय पारी को आगे बढ़ाया लेकिन द्रविड़ आउट हो गये और उनक जाते ही अगले बल्लेबाजी श्रीधरन श्रीराम (3) भी वापस पवेलियन लौट गये। मोहम्मद रफीक ने श्रीधरन का विकेट लिया और भारत का स्कोर 180 पर 5 विकेट हो गया।
बिना गेंद खेले रन आउट का शिकार हुये एमएस धोनी
श्रीधरन के जाने के बाद एमएस धोनी ने मैदान पर अपना पहला मैच खेलने के लिये कदम रखा। इंडिया ए की ओर से केन्या और जिम्बाब्वे में जोरदार पारी खेलने वाले एमएस धोनी से सबको एक खास पारी की उम्मीद थी। 41वें ओवर की पांचवी गेंद पर कैफ ने तेज सिंगल चुराना चाहा, लेकिन खालिद महमूद को गेंद की ओर झपट्टा मारते देख आधी पिच से वापस लौटा दिया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। विकेटकीपर खालिद मशूद ने स्टंप्स गिरा दी और एमएस धोनी जीरो के स्कोर पर वापस लौट गये। भारत ने इस मैच में 11 रन से जीत हासिल की थी।
पाकिस्तान के खिलाफ धोनी ने दुनिया को दिया हेलिकॉप्टर शॉट
बांग्लादेश के खिलाफ असफल होने के बाद अगले 3 मैचों में भी धोनी कुछ खास नहीं कर पाये। टीम मैनेजमेंट एक बार फिर से नये विकेटकीपर बल्लेबाज की तलाश में दिखने लगा। मैनेजमेंट ने कप्तान सौरव गांगुली को फिर से दिनेश कार्तिक को टीम में शामिल करने को कहा लेकिन दादा ने धोनी पर भरोसा जताते हुये पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में टीम के साथ रखा।
दादा ने धोनी पर भरोसा दिखाते हुए बल्लेबाजी क्रम में बदलाव कर तीसरे नंबर पर भेजा। विशाखापत्तनम के मैदान पर 2004-05 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए इस मैच में धोनी ने वो कर दिखाया जो शायद किसी ने ही सोचा हो। धोनी ने पाकिस्तानी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ते हुए इस मैच में 15 चौके और 4 छक्के जमाये और अपना पहला शतक बनाते हुए 148 रनों की पारी खेली। धोनी ने इसी मैच में पहली बार हैलिकॉप्टर शॉट खेला जो बाद में उनका सिग्नेचर शॉट बन गया।
उस दिन के बाद से धोनी रुके नहीं और भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले गये। धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापत्तनम के बाद 2005-06 में फैसलाबाद के मैदान पर एक बार फिर से 148 रनों की पारी खेली।
अनहोनी को होनी करने वाले धोनी का करियर रहा है बेमिसाल
भारत के लिये 350 वनडे मैच खेल चुके धोनी ने अपने करियर के दौरान 10 शतक और 73 अर्धशतक की मदद से 10773 रन बनाए हैं, जबकि 90 टेस्ट मैच के दौरान 6 शतक और 33 अर्धशतक की मदद से 4876 रन बनाए।
टी-20 इंटरनैशनल प्रारूप में धोनी ने 98 मैच खेले और दो अर्धशतक की मदद से 1617 रन बनाए हैं। विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल मैच के बाद से एमएस धोनी मैदान से दूर चल रहे हैं।