मिली थी रूला देने वाली हार
दरअसल, ठीक दो साल पहले 10 जुलाई को विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम को विश्व कप 2019 से एक दिल दहला देने वाली हार का सामना करना पड़ा था। भारत को केन विलियमसन की कप्तानी वाली न्यूजीलैंड टीम के हाथों 18 रन से हार का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण वह फाइनल में प्रवेश करने के चूक गए थे। वैसे तो मुकाबला 9 जुलाई को शुरू हुआ था, लेकिन बारिश के कारण इसे 10 तारीख को खत्म करना पड़ा जहां भारत को हार मिली।
महज 24 रन पर गिरे शुरूआती 4 विकेट
भारत का टॉप ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया और सेमीफाइनल उनके कयामत का दिन साबित हुआ। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में 240 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत के पहले चार विकेट महज 24 रन पर गिर गए। एमएस धोनी और रवींद्र जडेजा ने भारत की पारी को फिर से बनाया क्योंकि दोनों ने 116 रन जोड़े। धोनी ने जडेजा को हाथ खोलने का माैका दिया, जिन्होंने आते ही आक्रामक शॉट खेले और साथ ही अपना अर्धशतक पूरा किया। लेकिन ट्रेंट बोल्ट ने जडेजा को आउट कर मैच फिर रोमांचक बना दिया। जडेजा ने 77 रनों की पारी खेली।
फिर टूटा प्रशंसकों का दिल
क्रीज पर एमएस धोनी थे तो एक विश्वास था कि भारत 14 जुलाई को लॉर्ड्स फाइनल के लिए कुल स्कोर करने और टिकट को सील करने में सक्षम होगा। लेकिन दुर्भाग्य के रूप में, मार्टिन गप्टिल का लगभग 50-यार्ड थ्रो सबकुछ बदल गया। धोनी कुछ इंच से रन पूरा करने से चूक गए, जहां भारत न्यूजीलैंड से हार गया। उस रन-आउट के बाद लाखों भारतीय प्रशंसकों के दिल टूट गए थे और एमएस धोनी के फैंस फूट-फूट कर रो रहे थे। खराब मौसम के कारण दो दिनों तक खेला जाने वाला नॉकआउट मैच भी धोनी का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच साबित हो गया था।
मैच की बात करें तो रॉस टेलर और विलियमसन ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करने के बाद बारिश से प्रभावित पारी में आठ विकेट के नुकसान पर 239 रन बनाकर न्यूजीलैंड को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। जवाब में भारत 49.3 ओवर में 221 रन बनाकर ढेर हो गया। धोनी 50 रन बना सके थे, लेकिन वह 72 गेंदों में आए। इसके कारण भी उन्हें आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था। फिर फाइनल में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को 14 जुलाई, 2019 को लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में हराकर अपना पहला खिताब जीता।