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भला काैन भूल पाए आज का दिन, सचिन का एक फैसला रूला गया था क्रिकेट प्रेमियों को

नई दिल्ली। सचिन तेंदुलकर। शायद वो नाम जो क्रिकेट प्रेमियों की जुवान पर हर उस समय आएगा जब बात की जाए दुनिया के महान खिलाड़ियों की। कद भले ही 5 फीट 5 इंच का था, लेकिन जो खेल के प्रति जुनून था वो 6 फीट के खतरनाक गेंदबाजों पर भी भारी पड़ जाता था। सचिन ने 30 साल पहले 15 नवंबर को पाकिस्तान के खिलाफ जब डेब्यू किया था, तो इमरान खान, वसीम अकरम, वकार यूनिस जैसे घातक गेंदबाज यही सोच करे थे कि ये 16 साल का बच्चा कितना खेल लेगा। हालांकि पहली पारी में सचिन 15 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन जैसे ही दूसरे टेस्ट में सचिन ने 59 रनों की पारी खेली तो वही गेंदबाज दांतों तले उंगलियां चबाने मजबूर हो गए। फिर यहां से कहानी शुरू हुई और सचिन ने कई उपलब्धियां हासिल कर लीं। लेकिन एक दिन फिर ऐसा आया जब सचिन का एक फैसला क्रिकेट प्रेमियों को रूला गया। जी हां, ये दिन था आज की का, यानी कि 16 नवंबर का।

संन्यास की घोषणा कर रूला गए

संन्यास की घोषणा कर रूला गए

साल 2013 में इसी दिन सचिन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर आखिरी मैच खेला था। विंडीज के साथ भारत का टेस्ट मुकाबला 14 नवंबर को शुरू हुआ था जो 16 नवंबर को ही समाप्त हो गया था। यह सचिन का आखिरी मैच रहा। सचिन को पूरी टीम ने विदाई दी। करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की आंखें नम थीं। उन्हें मालूम था कि अब सचिन को फिर से खेलते हुए देखने का माैका नहीं मिलेगा। जहां फैंस ने आंसू बहाए तो वहीं सचिन खुद अंदर से घुटते हुए दिखे थे। उनके खेल में तब गिरावट नहीं आई थी। सचिन ने इस विदाई मैच में चाैथे नंबर पर आकर 12 चाैकों की मदद से 74 रनों की पारी खेली थी। सचिन अगर शतक लगा देते तो खुशी और भी अधिक होती लेकिन फिर भी सचिन ने आखिरी मैच खेलने से पहले ऐसे कई कीर्तिमान स्थापित कर दिए थे जो फैंस को उनकी याद हमेशा दिलाते रहेंगे।

टीम ने जीत के साथ दी थी विदाई

टीम ने जीत के साथ दी थी विदाई

किसी भी खिलाड़ी के लिए बड़े गर्व की बात रहती है जब उसे अपनी टीम से विदाई एक जीत के साथ मिलती है। सचिन की विदाई को यादगार बनाने के लिए टीम ने विंडीज के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करचे हुए एक पारी और 126 रनों से जीत हासिल की थी। विंडीज ने पहली पारी में सिर्फ 182 रन बनाए थे, लेकिन भारत ने 495 रन बना डाले। सचिन की अर्धशतकीय पारी के अलावा चेतेश्वर पुजारा(113) और रोहित शर्मा(111) ने शतकीय पारी खेली थी। दूसरी पारी में जब विंडीज टीम खेलने उतरी तो वह फिर से फ्लाॅप साबित होकर 187 रनों पर ही ढेर हो गई। इस तरह भारत ने 5 दिन का ये मैच महज 3 दिन में ही अपने नाम कर लिया।

धोनी ने उठा लिया था कंधों पर

धोनी ने उठा लिया था कंधों पर

जीत के साथ विदाई लेने पर सचिन की खुशी का भी ठिकाना नहीं था। मैच समाप्ति के बाद मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम सचिन-सचिन नाम से गूंज उठा था। तब सचिन ने चारों ओर दर्शकों का शुक्रिया किया था। वहीं उस समय कप्तान की भूमिका निभा रहे महेंद्र सिंह धोनी ने विराट कोहली के साथ मिलकर सचिन को अपने कंधों पर बैठा लिया। इसके बाद सचिन ने धोनी-कोहली के कंधों पर बैठकर पूरे मैदान का चक्कर लगाया। इस दाैरान एक दिलचस्प बात और रही थी। वो थी सचिन के साथ उनके परिवार का खड़ा होना। बेटी सारा तेंदलुकर उस समय अपने पापा सचिन के साथ ही रहीं। पूरे समय सचिन ने अपनी बेटी का हाथ थामते हुए भावुक होने से बचने की कोशिश की लेकिन करोड़ों दर्शकों का प्यार देख सचिन भी अपने आखिरी मैच में आंसू रोक नहीं पाए।

ऐसा रहा क्रिकेट करियर

ऐसा रहा क्रिकेट करियर

सचिन ने कुल 200 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 53.79 की औसत से 15 हजार 921 रन बनाए हैं। टेस्ट में इनके नाम 51 शतक, 68 अर्धशतक और 6 दोहरा शतक भी शामिल हैं। वहीं, वन-डे इंटरनेशनल में सचिन ने 463 मैच खेले हैं। उन्होंने 86.24 की औसत से 18 हजार 426 रन बनाए हैं। वन-डे में सचिन के नाम 49 शतक और 96 अर्धशतक शामिल है। इसके साथ ही सचिन ने एक टी-20 इंटरनेशनल मैच भी खेले हैं। गौरतलब है कि टेस्ट, वन-डे और टी-20 क्रिकेट इंटरनेशनल में सचिन ने कुल मिलाकर 664 मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम कुल मिलाकर 34,357 रन, 100 शतक, 164 अर्धशतक और 201 विकेट हासिल किए हैं।

Story first published: Saturday, November 16, 2019, 14:12 [IST]
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