नई दिल्ली। देश के पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता अरुण जेटली सबका साथ छोड़ गए हैं। उन्होंने शनिवार दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली। वो आज भले ही जनता के बीच में ना हों लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल दाैरान ऐसे काम किए, जिस कारण उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। जेटली सिर्फ राजनीति में ही सक्रिय नहीं थे, बल्कि खेल से भी उनका नाता रहा है। तभी आज उनके गुजर जाने पर क्रिकेट जगत भी गहरा दुख व्यक्त कर रहा है। पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग का जेटली के साथ कई किस्से जुड़े हैं, जिनमें से एक यह भी है जब वो दिल्ली छोड़ हरियाणा के लिए खेलने चले थे तो उन्हें जेटली ने रोका था।
जेटली 1999 से 2012 तक दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन ( डीडीसीए ) के अध्यक्ष भी रहे। इस दौरान उनका दिल्ली के क्रिकेटर्स के खासा लगाव रहा। सहवाग के करियर में एक समय ऐसा भी आया जब उनके डीडीसीए के साथ रिश्तों में कुछ खटास आ गई। मामला यहां तक बढ़ गया कि सहवाग ने दिल्ली छोड़कर हरियाणा के लिए खेलने का मन बना लिया। सहवाग के हरियाणा की ओर से खेलने की तैयारी भी चुकी थी, तभी ये बात अरुण जेटली को पता चली तो उन्होंने सीधे सहवाग से बात की और उन्हें दिल्ली नहीं छोड़कर जाने के लिए मनाया।
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अरुण जेटली के निधन पर वीरेंद्र सहवाग ने दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा कि जेटली ने दिल्ली से कई क्रिकेटर्स को भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। सहवाग ने जेटली के निधन पर दुख जाहिर करते हुए लिखा कि एक वक्त था, जब दिल्ली के क्रिकेटरों को हाई लेवल तक जाने का चांस नहीं मिल पाता था, लेकिन डीडीसीए की लीडरशिप के दौरान उन्होंने दिल्ली के क्रिकेटरों को यह मौके दिलवाए। वह खिलाड़ियों की जरुरतें सुनते थे और उन्हें हल भी करते थे। मैं निजी तौर पर उनके साथ एक बेहद खूबसूरत रिलेशनशिप शेयर करता हूं। मेरी प्रार्थना और संवेदना उनके परिवार के साथ है।