नई दिल्ली। माैजूदा समय में क्रिकेट के तीनों फाॅर्मेट में विराट कोहली का सिक्का खूब चल रहा है। बाद कप्तानी की हो या फिर रन बनाने की, यह खिलाड़ी हर मामले में आगे बढ़ता जा रहा है। महेंद्र सिंह धोनी ने जब भारतीय की कप्तानी छोड़ी तो चयनकर्ताओं की नजरों में कोहली ही एकमात्र ऐसे खिलाड़ी लगे जो टीम को लीड कर सकते थे। हालांकि एक समय ऐसा भी आया था जब इस स्टार खिलाड़ी को धोनी और टीम के कोच रह चुके गैरी कर्स्टन ने टीम में चुनने के लिए मना कर दिया था। इसका खुलासा पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर द्वारा लिखी गई एक किताब में हुआ।
क्या है मामला
टीम इंडिया के लिए 16 टेस्ट खेलने वाले वेंगसरकर ने एक किताब के विमोचन के मौके पर कहा, 'सही बताऊं तो जब मैंने कोहली को टीम के लिए चुना तो वह ऑस्ट्रेलिया में इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट खेल रहे थे और मैं सिलेक्शन कमिटी का अध्यक्ष था। मैं ऑस्ट्रेलिया मैच देखने गया था और कोहली ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था। वेंगसरकर ने कहा कि उस समय टीम के कप्तान धोनी थे और गैरी क्रिर्स्टन कोच थे। इन दोनों ने कोहली के बारे में सुना ही नहीं था।
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वेंगसरकर ने कहा कि मैं इस बात पर जोर दे रहा था कि कोहली को टीम में जरूर चुनना चाहिए। इसके बाद उन्हें एस. बद्रीनाथ को टीम में चुनना चाहिए। लेकिन धोनी और कर्स्टन ने कोहली को टीम में चुनने के लिए मना कर दिया और कहा कि उसे कुछ मैच खेलने देना चाहिए। इसके अलावा वेंगसरकर ने यह भी कहा कि सचिन तेंदुलकर को भी मुंबई की रणजी टीम में मैने ही चुना था। उन्होंने कहा कि जब मैं मुंबई टीम का कप्तान था तब सब सचिन को टीम में चुनने के पक्ष में नहीं थे। लोगों का कहना था कि वह उनकी उम्र बहुत कम है लेकिन मैंने जोर देकर कहा कि सचिन को टीम में चुना जाना चाहिए।