पूर्व भारतीय कोच ने बताया विराट कोहली के करियर का टर्निंग प्वाइंट
इस दौरान भारतीय टीम के स्ट्रैंथ और मेंटल कंडिशनिंग की जिम्मेदारी कोच पैडी अपटन के पास थी जिन्होंने विराट कोहली के करियर में बदलाव की बारे में बात करते हुए बताया कि ओवरवेट से लेकर दुनिया के सबसे फिट क्रिकेटर तक का सफर कैसा रहा?
अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए पैडी अपटन ने कहा, 'मुझे लगता है कि विराट कोहली के जीवन का एक टर्निंग पॉइंट वही है जब उन्हें अहसास हुआ कि वह थोड़े से ओवरवेट और औसत दर्जे के फिट खिलाड़ी हैं। अगर उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल होना है तो उन्हें सबसे फिट खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल होना होगा। फिटनेस को लेकर उनकी इस बदली सोच ने विराट कोहली की प्रतिभा के साथ पूरा न्याय किया और आज भारतीय क्रिकेट को बड़ी ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया।'
सिर्फ फिटनेस ही नहीं बदली सोच ने बदला करियर
उल्लेखनीय है कि कप्तान विराट कोहली ने साल 2014 में टेस्ट टीम की कमान संभाली तो साल 2017 से वह सीमित ओवर्स प्रारूप में टीम की कमान संभाले हुए हैं।
अपटन ने कहा, 'मैंने पहले भी कहा है कि सिर्फ उनकी फिटनेस ने सीधे तौर पर उन्हें इतना बड़ा खिलाड़ी नहीं बनाया। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह फिटनेस हासिल करने के प्रति उनकी रवैये ने उन्हें और उनके खेल को बदला। यह अच्छे से महान खिलाड़ी बनने का सफर था।'
करियर के शरुआत में ओवरवेट लगते थे विराट कोहली
गौरतलब है कि जब विराट कोहली ने भारतीय टीम के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी उस वक्त टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, एमएस धोनी, हरभजन सिंह और जहीर खान जैसे टैलेंटेड खिलाड़ियो से भरपूर था। विराट कोहली ने इन खिलाड़ियों के साथ रहकर दबाव झेलना और उसमें निखरकर प्रदर्शन करने की कला सीखी।
शुरुआती दिनों में विराट कोहली को उनके दोस्त और फैंस 'चीकू' कहकर पुकारा कहते थे।