इमाम ने कहा डर के चलते खिलाड़ी नहीं कर पा रहे अच्छा प्रदर्शन
इमाम उल हक का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आने के बाद कई खिलाड़ी बुरी तरह फेल हो जाते हैं, जिसको लेकर पीसीबी आये दिन कुछ नये बदलाव कर देता है, पर अगर वो यहां पर रोहित शर्मा के उदाहरण से कुछ सीख सकता है तो पाकिस्तान क्रिकेट को काफी फायदा होगा।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर फैन्स के साथ लाइव सेशन के दौरान बात करते हुए कहा,'हमारी टीम फेल होने से डरती है, हालांकि यह मेरी निजी राय है। मुझे लगता है कि इस डर के चलते बहुत सारे खिलाड़ी निरंतरता के साथ प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। उन्हें लगता है की दो या तीन ख़राब प्रदर्शन पर वो टीम से बाहर हो जायेंगे. जिसके कारण वो बहुत डरते हैं।'
बोर्ड की गलती से पाकिस्तान क्रिकेट में आई है यह प्रॉबल्म
इमाम उल हक ने खिलाड़ियों के अंदर इस डर के आने के पीछे पीसीबी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह समस्या बोर्ड और खिलाड़ियों के आपस में बात न करने के चलते आई है।
उन्होंने कहा,'बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच बातचीत नहीं होने से भी यह समस्या सामने आई है। पीसीबी खिलाड़ियों से बिना बात करे ही टीम में बदलाव करता है जिसकी वजह से उनमें यह डर भर गया है। दुनिया की कोई भी टीम ऐसा नहीं करती, वह अपने खिलाड़ियों पर भरोसा जताती है और उन्हें बैक करती है ताकि वो अच्छे खिलाड़ी से महान खिलाड़ी बन सकें।'
रोहित शर्मा से सीख सकता पीसीबी
इसके साथ ही इमाम ने भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा का उदाहरण देते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को बीसीसीआई से सीखने की सलाह दी। उल्लेखनीय है कि भारत के लिये साल 2007 में अपना डेब्यू करने वाले रोहित शर्मा का शुरुआती करियर कुछ खास नहीं रहा। 2007 से 2013 तक वह मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते रहे और कुछ खास नहीं कर सके लेकिन 2013 की चैम्पियंस ट्रॉफी में जब धोनी ने रोहित से ओपनिंग करवाई वहां से उनका करियर बदल गया और आज वो वनडे में 3 दोहरा शतक लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं।
उन्होंने कहा,' अगर आप रोहित शर्मा का उदाहरण देखते हैं तो आपको मालूम हो जायेगा कि उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दौर में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था, लेकिन भारत ने उन पर भरोसा किया और वह बाद में अच्छे खिलाड़ी के रूप में आमने आयें। पीसीबी को भी अगर आगे बढ़ना है तो हार के डर से आगे बढ़कर खिलाड़ियों पर भरोसा जताना शुरु करना होगा।'