अकमल को नहीं था गलती का पछतावा
इस बीच पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उमर अकमल पर 3 साल का लंबा बैन लगाने के पीछे के कारणों का खुलासा किया है और बताया कि इसके पीछे बोर्ड को जानकारी न देने के अलावा भी एक बड़ा कारण है।
उमर अकमल के खिलाफ फैसला सुनाने वाली अनुशासनात्मक कमिटी के न्यायमूर्ति (रिटायर्ट) फजल-ए- मिरान चौहान ने कहा, ‘जांच के दौरान ऐसा लगा कि उमर अकमल को अपनी गलती का कोई पछतावा नहीं है साथ ही वह माफी मांगने के लिये भी तैयार नहीं था। उसने यह स्वीकार किया कि वह भ्रष्टाचार निरोधक संहिता के तहत अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहा, लेकिन इस दौरान उसमे कोई पछतावा नहीं था। इसके बजाय उसने यह कहकर बचने की कोशिश की इससे पहले जब भी उससे इस तरह के संपर्क किए गए थे, उसने उनकी जानकारी दी थी।'
बुकी ने किया था अकमल से संपर्क
उल्लेखनीय है कि 2015 विश्व कप के दौरान उमर अकमल से एक बुकी ने संपर्क किया था जिसने उनसे भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान स्पॉट फिक्सिंग करने के लिये 100 हजार डॉलर्स की पेशकश थी। उमर अकमल ने इस ऑफर को ठुकराने का दावा करते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने इस बात की जानकारी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को नहीं दी थी।
इस बात के सामने आने के बाद पीसीबी की एंटी करप्शन यूनिट ने उमर अकमल पर कार्रवाई की और जांच पूरी हो जाने तक क्रिकेट से जुड़ी किसी भी गतिविधि में भाग लेने पर बैन लगा दिया था। इसी के चलते उमर अकमल पाकिस्तान सुपर लीग में हिस्सा नहीं ले पाये थे और उन्हें अपनी टीम को पैसे वापस करने पड़े थे।
3 साल तक क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में नहीं ले सकते हिस्सा
जांच के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की एंटी करप्शन यूनिट ने उमर अकमल को एसीसी को अनुच्छेद 4.7.1 के तहत 2 आरोपों में दोषी पाया और इस पर कार्रवाई करते हुए पीसीबी के अनुशासनात्मक पैनल के जस्टिस (सेवानिवृत्त) फजल-ए-मीरान चौहान ने उन पर तीन साल का बैन लगाया।
फिलहाल उमर अकमल पर लगे बैन के चलते वह 19 फरवरी 2023 तक किसी भी तरह की क्रिकेट गतिविधियों में भाग नहीं ले सकते।