नई दिल्ली। कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान (Pakistan) के लिए देश में अंतर्राष्ट्रीय खेलों का आयोजन बहुत जरूरी है, इसी उद्देश्य के तहत उसने अपने देश में पाकिस्तान (Pakistan) क्रिकेट लीग की शुरुआत की थी। जहां एक ओर पाकिस्तान (Pakistan) को अभी भी अपने देश में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लौटने का इंतजार है वहीं पाकिस्तान (Pakistan) सुपर लीग (पीएसएल) के पहले दो संस्करणों में भारी अनियमितताओं के सामने आने के बाद मुश्किल और बढ़ गई है। पाकिस्तान (Pakistan) क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के सामने एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसके तहत उसे पहले 2 सीजन में फिक्सिंग और सट्टेबाजी के चलते करोड़ों रुपये (पाकिस्तानी) का नुकसान हुआ है।
पाकिस्तान (Pakistan) के अखबार डॉन की रिपोर्ट अनुसार, पहले दो पीएसएल संस्करणों पर जारी विशेष ऑडिट रिपोर्ट में पाकिस्तान (Pakistan) के ऑडिटर जनरल ने फ्रेंचाइजी को किए गए अनियमित भुगतान, वेंडर्स को किए गए अनियमित अग्रिम भुगतान, पत्रकारों व बोर्ड आफ गवर्नर्स के सदस्यों को परिवहन-महंगाई भत्ते (टीए-डीए) के भुगतान जैसे कई मुद्दों के बारे में बताया।
और पढ़ें: VIDEO: मोहाली टी-20 में लिए गए 3 जबरदस्त कैच, नंबर 1 को जडेजा ने बताया सबसे मुश्किल
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय पूल के शेयर से अधिक फ्रेंचाइजी को किए गए अनियमित भुगतान के कारण पीसीबी को 24.86 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
पाकिस्तान (Pakistan) की नेशनल असेंबली में सोमवार को पेश की गई रिपोर्ट में पाया गया कि पीएसएल फ्रेंचाइजी को मुआवजे के अनियमित भुगतान के कारण क्रिकेट बोर्ड को 5.45 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा जबकि फ्रेंचाइजी की अनुचित नीलामी से एक करोड़ दस लाख डॉलर का नुकसान हुआ।
ऑडिट रिपोर्ट में यह कहा गया है कि पीसीबी ने फ्रेंचाइजी से 3.20 करोड़ रुपये नहीं वसूले और पीएसएल-2 के फाइनल में उचित अनुमान के बिना प्रोडक्शन पर 1.89 करोड़ रुपये का खर्च किया।
और पढ़ें: काइल एबॉट ने एक मैच मे 17 विकेट लेकर रचा इतिहास, पिछले 63 साल का बेस्ट प्रदर्शन
ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पीसीबी ने पाकिस्तान (Pakistan) के बाहर तीसरे पक्ष के बैंक खातों में गैरकानूनी रूप से 14.51 करोड़ रुपये भेजे। पीसीबी ने वाणिज्यिक प्रसारण अधिकारों की नीलामी नहीं होने के कारण 1.3 करोड़ रुपये का भी नुकसान उठाया।
इस रिपोर्ट में पाकिस्तान (Pakistan) सुपर लीग के दौरान हो रही मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी के मुद्दे को भी उठाया गया है।