नई दिल्ली। पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज और पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक के भतीजे इमाम उल हक ने लगातार हो रही उनकी आलोचना को लेकर चुप्पी तोड़ी है। इमाम उल हक को लगता है कि इंजमाम उल हक का भतीजा होना एक तरह से उनके गले की फांस हो गया है। वंशवाद का आरोप लगाते हुए इमाम उल हक की लगातार पिछले कुछ दिनों से खिंचाई चल रही है। पाकिस्तानी बल्लेबाज इमाम-उल-हक ने कहा है कि उन्होंने अपनी मेहनत से राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई लेकिन शायद वह कभी भी उनके ऊपर से वंशवाद का टैग नहीं हटा पाएंगे। इमाम पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज इंजमाम उल हक के भतीजे हैं।
द क्रिकेटर ने इमाम उल हक के हवाले से लिखा, 'मुझे नहीं लगता कि यह बदलेगा। लोग शायद मुझे कभी स्वीकार न करें। मैं बहुत खुश होऊंगा अगर जनता मुझे इमाम-उल-हक के रूप में स्वीकार करे न कि किसी के भतीजे के तौर पर।'
और पढ़ें: गौतम गंभीर ने पाकिस्तान पीएम इमरान खान पर साधा निशाना, बताया सेना की कठपुतली
इमाम उल हक ने कहा कि वह चाचा इंजमाम की वजह से टीम में नहीं हैं, बल्कि अपनी प्रतिभा और खेल के दम पर यहां तक पहुंचे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में इंजमाम उल हक ने पाकिस्तान के मुख्य चयनकर्ता पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद मिस्बाह उल को मुख्य कोच के साथ-साथ मुख्य चयनकर्ता की भूमिका भी निभानी पड़ रही है।
इमाम ने कहा, 'लोग सोचते हैं कि उन्होंने (इंजमाम) मिकी आर्थर (पाकिस्तान के पूर्व कोच) पर मुझे टीम में शामिल करने के लिए दबाव डाला था। लोगों को समझना चाहिए कि हम उस दौर में रह रहे हैं जहां आप मीडिया से कुछ छुपा नहीं सकते। मैं बिना अपने प्रदर्शन के टीम में नहीं हो सकता था।"
उन्होंने कहा, 'उन्होंने नहीं देखा कि मैं किसी प्रक्रिया से गुजरा हूं। उन्होंने सिर्फ यह देखा कि मैं इंजमाम का भतीजा हूं और उन्होंने मान लिया कि उन्हें मेरी आलोचना करने का अधिकार है।'
और पढ़ें: विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचा भारत, ओलिंपिक में जगह पक्की
आपको बता दें कि इमाम उल हक ने 2019 में पाकिस्तान के लिए एकदिवसीय मैच में पदार्पण किया था। उन्होंने तब से अब तक 36 एकदिवसीय मैच खेले हैं जिनमें उनका औसत 54 का रहा है। वह हालांकि अपने नवजात टेस्ट करियर में उस सफलता को दोहरा नहीं पाए हैं। 10 मैचों में, इमाम की बल्लेबाजी औसत घटकर 28.41हो गई और वह सिर्फ 483 रन ही बना पाए हैं।