40 रुपये दिहाड़ी पर करते थे मजदूरी
उल्लेखनीय है कि इरफान को उनकी मजदूरी के लिये हफ्ते में महज 300 रुपये मिलते थे यानि कि दिन के 8-9 घंटे काम करने के बाद महज 40 से 42 रुपये। ऐसे में 1200 रुपये महीने का कमाने वाले मोहम्मद इऱफान के लिये गेंदबाज बनने का सपना किसी असंभव सपने से कम नहीं था। हालांकि इसके बावजूद इरफान अपने सपने के लिये वक्त निकाल लेते थे और मजदूरी करने के बाद टेल बॉल क्रिकेट खेलते थे।
इसके अलावा इरफान शौकिया तौर पर कभी कभी लेदर बॉल से क्रिकेट खेलने भी चले जाते थे, पर उन्हें यह नहीं पता था कि उनका यह शौक उनकी जिंदगी बदलने वाला है।
आकिब जावेद ने पहचाना टैलेंट, बदल गई किस्मत
मोहम्मद इरफान ऐसे ही किसी शौकिया मैच में एक क्लब के लिये खेल रहे थे कि तभी पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज आकिब जावेद की नजर उन पर पड़ी। आकिब ने उनके टैलेंट को पहचाना और नेशनल क्रिकेट एकेडमी में ट्रायल के लिये बुलाया। इरफान के लिये यह मौका किस्मत बदलने वाला था। उनकी गेंदबाजी को देखकर पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज अजहर अली भी उनके फैन हो गये। इसके बाद मोहम्मद इरफान को पाकिस्तान ए की टीम में खेलने का मौका मिला जहां उन्होंने 4 विकेट लेकर अपनी दावेदारी को और मजबूत किया।
धीरे-धीरे मोहम्मद इरफान ने घरेलू क्रिकेट में कई बड़ी उपलब्धियां अपने नाम की और 28 साल की उम्र में पाकिस्तान के लिये डेब्यू किया।
मैच फिक्सिंग में फंसने के चलते मिला डेब्यू का मौका
गौरतलब है कि मोहम्मद इरफान के डेब्यू के पीछे मैच फिक्सिंग स्कैंडल में फंसने वाले खिलाड़ियों का भी बड़ा हाथ रहा। यह वही दौर था जब पाकिस्तान टीम के स्टार गेंदबाज मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ स्पॉट फिक्सिंग मामले में फंस गए थे। एक साथ दो गेंदबाजों का नाम मैच फिक्सिंग में आने के चलते इरफान को 2010 में पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका मिला।
उन्होंने साल 2010 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया, हालांकि इसमें कुछ खास सफलता नहीं मिलने के कारण उन्हें 2 साल के लिये टीम से ड्रॉप कर दिया। आपको बता दें कि इरफान अब तक के करियर में 4 टेस्ट, 60 वनडे और 22 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं जिसमें क्रमश: 10, 83, 16 विकेट्स अपने नाम किए हैं।