बीसीसीआई कर रहा अपने दिग्गजों की अनदेखी
अश्विन की तरह रविंद्र जडेजा का भी यही हाल था, हालांकि वह अपने ऑलराउंड प्रदर्शन के दम पर वापसी करने में कामयाब रहे और फिलहाल तीनों प्रारूपों में खेल रहे हैं। क्रिकेट में दूसरा की शुरुआत करने वाले इस पाकिस्तानी स्पिनर ने बीसीसीआई पर खिलाड़ियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, 'काबिलियत स्थायी है, चाहे आप उंगली से स्पिन करते हो या आप कलाई के स्पिनर हो। आपके कौशल, खेल की स्थिति को परखने की क्षमता बहुत मायने रखती है। मुझे आश्चर्य हुआ जब अश्विन को वनडे क्रिकेट के लिए अनदेखा कर दिया गया।'
वो विकेट निकालना जानते हैं
सकलैन ने कहा, 'जिसे यह पता हो कि पांच दिवसीय मैच को बल्लेबाज को कैसे आउट करना है, उसके लिए सीमित ओवरों के क्रिकेट में यह आसान काम है। रन रोकने का काम कोई भी कर सकता है लेकिन जो विकेट लेना जानता है, वह रनों पर अंकुश भी लगा सकता है। अश्विन को दोनों आता है। आप उन्हें टीम से बाहर कैसे रख सकते हैं? आपको अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का समर्थन करना होगा।'
हरभजन-अश्विन के साथ हुई नाइंसाफी
भारतीय चयनकर्ताओ ने साल 2017 में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद टीम में कलाई स्पिनर्स कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को टीम में शामिल किया लेकिन विश्व कप 2019 के बाद से यह दोनों खिलाड़ी एक साथ टीम में जगह बना पाने में नाकाम रहे हैं। टेस्ट में घरेलू मैदान में अश्विन भारत के नंबर एक स्पिनर है लेकिन विदेशों में खेले जाने वाले टेस्ट में वह अंतिम एकदश में जगह बनाने में संघर्ष करते दिखते हैं।
सकलैन ने कहा, 'उन्होंने भज्जी (हरभजन सिंह) की जगह अश्विन को मौका दिया। अश्विन के साथ कई ऑफ स्पिनरों को आजमाया गया लेकिन कोई भी उनके स्तर का नहीं निकला। मुझे तब भी आश्चर्य हुआ, जब भज्जी को टीम से बाहर किया गया था। अश्विन और भज्जी का गेंदबाजी का तरीका अलग है, दोनों एकसाथ एकादश में शामिल हो सकते थे। जब दाएं हाथ के एक जैसे तेज गेंदबाज एक साथ खेल सकते है तो स्पिनर क्यों नहीं?'
भारत-पाकिस्तान को साथ खेलना चाहिये क्रिकेट
शोएब अख्तर और शाहिद अफरीदी की तरह सकलैन को भी लगता है कि भारत और पाकिस्तान को अपनी क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता फिर से शुरू करनी चाहिए।
सकलैन ने कहा, 'आप खिलाड़ियों को नायक समझते है। उनका काम अच्छा करना होता है। जीत और हार खेल का हिस्सा है। क्रिकेट युद्ध नहीं है। मुझे लगता है कि दोनों देशों को क्रिकेट खेलना चाहिए। मैंने प्रशंसकों को दोनों देशों का झंडा हाथ में लिए हुए देखा है। यह खेल की ताकत है। सचिन और शेन वॉर्न ने अमेरिका में (2015 में) ऑल स्टार्स मैचों का आयोजन किया था। आपको विश्वास नहीं होगा कि मैंने प्रशंसकों को भारत और पाकिस्तान के झंडे के साथ देखा। इससे दोनों देशों को करीब लाया जा सकता है। मैं आईसीसी से भी इस पर गौर करने का अनुरोध करूंगा। आर्थिक रूप से भी, यह बीसीसीआई और पीसीबी दोनों के लिए फायदेमंद होगा। यह सीरीज एशेज से काफी बड़ी है।'