तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts
 

...जब 'भगवान' को गेंदबाजी कर पेसर से हमेशा के लिए स्पिनर बन गए पप्पू रॉय, जानिए दिलचस्प कहानी

नई दिल्ली। हाल ही में सुर्खियों में आए पप्पू रॉय की संघर्ष की कहानी प्रेरणादाई है। बचपन के ज्यादातर दिन पेड़ के नीचे गुजारने वाले पप्पू के लिए घर की परिभाषा वही थी। इतना ही नहीं उनके पास खाने के पैसे नहीं होते तो वह नींबू चाय पीकर गुजारा करते। नेट अभ्यास से आने के बाद कोच या आयोजक खाने के लिए जो कुछ भी दे देते पप्पू उसी से अपना पेट भरते और अगले दिन का सोचते। इस 23 वर्षीय गेंदबाज को देवधर ट्रोफी के लिए अंजिक्य रहाणे की अगुवाई वाली भारत सी टीम में चुना गया है, लेकिन कोलकाता के इस लड़के की कहानी मार्मिक है।

लेफ्ट आर्म फास्टर से लेफ्ट आर्म स्पिनर:

लेफ्ट आर्म फास्टर से लेफ्ट आर्म स्पिनर:

पप्पू के स्पिनर बनने की कहानी दिलचस्प है। पप्पू बाएं हाथ के तेज गेंदबाज थे। लेकिन सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी करने के चक्कर में वह स्पिनर बन गए। पप्पू खुद बताते हैं सचिन तेंदुलकर अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल रह थे।टेस्ट मैच से दो दिन पहले नेट पर हावड़ा यूनियन के सारे गेंदबाजों को बुलाया गया था ।पप्पू उस समय जयपुर में थे और रात को ही बस पकड़कर कोलकाता पहुंच गए। सचिन को गेंदबाजी करने के लिए सारे गेंदबाज लाइन से खड़े हुए मैं गलती से स्पिन गेंदबाजों के साथ कतार में खड़ा हुआ था जिसके बाद पता चला कि तेज गेंदबाजों की लिस्ट भर गई है। पप्पू बताते हैं कि इसके बाद मैंने सोचा चलो जबब भगवान को स्पिन गेंद ही फेंकनी है तो स्पिन ही सही।हम यही कर देंगे।

पृथ्वी को आउट कर बढ़ा आत्मविश्वास:

पृथ्वी को आउट कर बढ़ा आत्मविश्वास:

पप्पू ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। सीजन दर सीजन विकेट चटकाने के बाद पप्पू को 2015 में ओड़िसा की तरफ से अंडर -23 खेलने का मौका मिला। संघर्ष के बाद पप्पू को विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने का मौका मिला। अपने इस डेब्यू में पप्पू ने टीम इंडिया में खेल चुके पृथ्वी शॉ को आउट किया था।उनका विकेट मिलने पर उन्हें अंदाजा नहीं था कि उन्होंने किसी बड़े खिलाड़ी को आउट किया। उनके आउट होने के बाद टीम के साथी खिलाड़ियों ने बताया कि उन्हें बड़ा विकेट मिला है।पृथ्वी टीम इंडिया में खेल रहे खिलाड़ी है

बचपन में ही माता-पिता का निधन

बचपन में ही माता-पिता का निधन

उनके माता-पिता बिहार के रहने वाले थे जो कमाई करने के लिए बंगाल आ गए थे। पप्पू ने अपने पिता जमादार रॉय और पार्वती देवी को तभी गंवा दिया था जबकि वह नवजात थे। उनके पिता ट्रक ड्राइवर थे और दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ, जबकि उनकी मां लंबी बीमारी के बाद चल बसी थी। पप्पू के माता-पिता बिहार के सारण जिले में छपरा से 41 किमी दूर स्थित खजूरी गांव के रहने वाले थे और काम के लिए कोलकाता आ गए थे। वह अपने माता-पिता के बारे में केवल इतनी ही जानकार रखते हैं।

Story first published: Tuesday, October 23, 2018, 12:38 [IST]
Other articles published on Oct 23, 2018
POLLS
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Yes No
Settings X