थर्ड अंपायर ने नहीं दी 2 नो बॉल
मंगलवार को राजस्थान रॉयल्स और पंजाब किंग्स के बीच खेले गये मैच में यहीं देखने को मिला जहां पर पंजाब की टीम को जीत के लिये 12 गेंदों में 8 रन की दरकार थी और हाथ में 8 विकेट बचे होने के बाद साफ था कि वह आसानी से मैच में जीत हासिल कर सकती है। राजस्थान की टीम ने मुस्तफिजुर रहमान को 19वें ओवर की गेंदबाजी सौंपी। रहमान ने इस ओवर में एक नहीं दो नो बॉल फेंकी लेकिन थर्ड अंपायर ने एक भी बार इसे नो बॉल करार नहीं दिया, जिसके चलते पंजाब किंग्स को न तो फ्री हिट मिली और न ही अतिरिक्त रन दिये गये। दरअसल मुस्तफिजुर रहमान ने ओवर की लगातार दो गेंदें ग्राउंड लाइन के बाहर की ओर से फेंकी जो कि नियमों के अनुसार नो बॉल करार दी जाती है, वहीं पर नो बॉल का जिम्मा पूरी तरह से थर्ड अंपायर को दे दिया गया है तो मैदानी अंपायर इसको लेकर कुछ नहीं कह सकता है, ऐसे में जब थर्ड अंपायर ने यह फैसला नहीं दिया तो पंजाब किंग्स की टीम को नुकसान उठाना पड़ा और कार्तिक त्यागी के बेहतरीन ओवर के चलते उनकी टीम 2 रनों से मैच हार गई।
जब शॉर्ट रन के चलते सुपर ओवर में पहुंचा मैच
इससे पहले पंजाब किंग्स को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ एक मैच में उसे ऐसी ही तकनीकी खामी के चलते हार का सामना करना पड़ा। यूएई में खेले गये इस आईपीएल सीजन के दौरान दिल्ली कैपिटल्स और पंजाब किंग्स की टीम के बीच मैच खेला गया जिसमें रनों का पीछा करते हुए पंजाब किंग्स की टीम ने आखिरी ओवर में एक गेंद पर 2 रन लिये थे लेकिन इसे शॉर्ट रन करार दिया गया, इसके चलते मैच बाद में बराबरी पर खत्म हुआ और सुपरओवर में पहुंचा। उल्लेखनीय है कि रिप्ले में देखने को मिला कि वह शॉर्ट रन नहीं था। सुपरओवर के खेल में दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने पंजाब किंग्स को हराकर इस मैच को जीत लिया, हालांकि अगर उस गेंद को शॉर्ट रन नहीं दिया गया होता तो पंजाब की टीम को आसानी से जीत मिल जाती और मैच कभी सुपरओवर में पहुंचता ही नहीं। इतना ही नहीं सीजन के अंत में पंजाब की टीम ने पांचवे पायदान पर खत्म किया और प्लेऑफ में क्वालिफाई नहीं कर सकी।
जब आरसीबी के खिलाफ नो बॉल नहीं देने के चलते पंजाब को मिली हार
वहीं आरसीबी के खिलाफ बेंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भी खेले गये एक मैच में पंजाब को ऐसी ही खामी के चलते हार का सामना करना पड़ा था। आरसीबी के खिलाफ इस मैच में पंजाब की टीम को एक रन से हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में जब आरसीबी गेंदबाजी कर रही थी तो आखिरी ओवर में फील्डिंग रिस्ट्रिक्शन के तहत खिलाड़ी अनुमति से ज्यादा खड़े किये गये थे, नियमानुसार जब ऐसा होता है तो उसे नो बॉल दिया जाता है, हालांकि अंपायर से यहां भी चूक हुई और नतीजा आरसीबी के पक्ष में चला गया।