नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में विराट कोहली ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। भारत ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक 4 विकेट खोकर 303 रन बना लिए हैं। इस दौरान विराट कोहली की पारी छोटी जरूर रही और वह 23 रन बनाकर ही आउट हो गए लेकिन मैदान पर और क्रिकेट दर्शकों को एक बात जरूर खटक रही होगी कि विराट कोहली का ग्लब्स और बल्ला सफेद रंग के साथ पिंक यानी गुलाबी रंग का क्यों था । ऐसा पहले किसी टेस्ट मैच में नहीं हुआ था। इस बात के पीछे वजह क्या है हम आपको बताते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज गेंदबाज ग्लैन मैग्रा की संस्था ग्लैन मैक्ग्रा फाउंडेशन ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए होम सीजन के सिडनी में खेले जाने वाले मैच में स्पेशल अभियान चलाती है।मैच के दौरान लोग अपना समर्थन जताने के लिए पिंक रंग के कपड़े पहनते हैं।
मैच के दौरान स्टंप से लेकर स्टेडियम की अधिकांश चीजों का पिंक कलर में रंग दिया जाता है। ऐसे में खिलाड़ी भी अपना समर्थन मैच के दौरान बल्ले पर पिंक ग्रिप या रुमाल आदि लेकर समर्थन करते हैं।
विराट कोहली ने भी अपना समर्थन जताते हुए मयंक अग्रवाल के आउट होने के बाद अपने बैटस्टीकर, ग्लब्स और बैट की ग्रिप भी पिंक लेकर ही उतरे।
First ball ✅ and we’re underway at the #SCG for the #pinktest!! #AUSVSIND 🏏#itsyourpinktest pic.twitter.com/HsUd8UFRey
— McGrath Foundation (@McGrathFdn) January 2, 2019
Virat Kohli @imVkohli showing his passionate support for the McGrath Foundation with his pink bat and gloves 🙏
— McGrath Foundation (@McGrathFdn) January 3, 2019
What. A. Legend!#pinktest #IndianCricketTeam #AUSvsIND #itsyourpinktest pic.twitter.com/Vpqeui7MGw
क्या होता है पिंक टेस्ट:
टेस्ट साल 2009 में खेला गया था। पहली बार पिंक टेस्ट ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया था। इसके बाद से लगातार ये प्रथा चली आ रही है भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जा रहा टेस्ट 11वां पिंक टेस्ट मैच है>ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज की पत्नी जेन मैक्ग्रा की मौत ब्रेस्ट कैंसर की वजह से हुई थी। इस टेस्ट मैच से जुटाई गई राशि ग्लेन मैक्ग्रा फाउंडेशन को दी जाती है जो कि ऑस्ट्रेलिया में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरुक करने के साथ-साथ शिक्षा के लिए काम करती है। इस संस्था की शुरुआत साल 2005 में हुई थी। इस मैच के तीसरे दिन को जेन मैक्ग्रा डे के नाम से जाना जाता है।