बताई उनकी खासियत
चावला ने कहा कि उन्होंने गंभीर की कप्तानी में खेलने का बेहद लुफ्त उठाया है। उन्होंने कहा, ''मैंने कई कप्तानों की लीडरशिप में खेला है लेकिन गौतम गंभीर की कप्तानी के अंडर में खेलना मुझे सबसे अच्छा महसूस हुआ है। उन्होंने हमेशा अपने खिलाड़ियों को सपोर्ट किया है। एक खिलाड़ी चाहे वो गेंदबाज हो या फिर बल्लेबाज हो उसे कप्तान का भरोसा चाहिए होता है। उनकी ये खासियत थी कि वे खिलाड़ियों को काफी सपोर्ट करते थे।
नहीं करते थे किसी तो ड्राॅप
उन्होंने आगे कहा, ''अगर गंभीर की आईपीएल में कप्तानी का रिकॉर्ड उठाकर देखें तो जो भी खिलाड़ी उस वक्त खेले हैं, उन्होंने कम से कम 6-7 मैच जरुर खेला है। ऐसा नहीं होता था कि एक मैच में माैका देने के बाद अगले मैच में प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया। उन्होंने आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया और खुद जिम्मेदारी उठाते थे। जब भी मैच में कोई मुश्किल पल आता था तो वो सबसे पहले आगे आते थे।
किसी कप्तान की तुलना दूसरे कप्तान से नहीं कर सकते
जब आकाश चोपड़ा ने उनसे सवाल कि क्या जितने भी कप्तानों की लीडरशिप में वो खेले हैं, उसमें क्या गंभीर सबसे बेस्ट कप्तान हैं तो इस पर पियूष चावला ने धोनी का नाम लिया। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि आप किसी कप्तान की तुलना दूसरे कप्तान से नहीं कर सकते हैं। कई चीजें ऐसी थीं जो दोनों कप्तान एक जैसा ही करते थे। वो गेंदबाज को कहते थे कि वो जैसा करना चाहें कर लें। जब गेंदबाज अपने प्लान में सफल नहीं होता था तो फिर कप्तान अपना प्लान बी बनाता था। बता दें कि केकेआर ने दो बार आईपीएल का खिताब जीता है और दोनों बार पियूष चावला उस टीम का हिस्सा थे।