इंग्लैंड की रोटेशन पॉलिसी और IPL-
लेकिन इंग्लैंड के इस रवैये की हाल में ही तीखी आलोचना हुई है। खुद पूर्व इंग्लिश क्रिकेटरों का कहना है कि यह बेतुकी बात है आप खिलाड़ियों को जबरदस्ती आराम देकर उनकी और टीम की लय खराब कर रहे हो।
मोइन अली और जोस बटलर को भारत से वापस इंग्लैंड भेज दिया गया है और उनको अब यहां तब बुलाया जाएगा जब वनडे और टी20 मैच शुरू होंगे।
इंग्लैंड ये सब इसलिए भी करता रहा है क्योंकि खिलाड़ियों से वर्कलोड कुछ कम होता रहे और वे आईपीएल जैसी लुभावनी लीग में जाकर खेल सकें।
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'कोई भी आईपीएल कॉन्टैक्ट मिस नहीं करना चाहता'
जॉनी बेयरस्टो भी भारत में पहले दो टेस्ट में केवल इसलिए चूक गए थे क्योंकि उनको भी पहले श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट खेलने के बाद इंग्लैंड भेज दिया गया था। उन्होंने हाल ही में इस मामले पर अपने विचार साझा किए। बेयरस्टो ने स्वीकार किया कि आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट्स को कोई भी क्रिकेटर मिस नहीं करना चाहता।
बेयरस्टो ने बताया कि किसी के लिए आईपीएल को सिर्फ इसलिए इनकार करना संभव नहीं है क्योंकि वे टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं।
आप आईपीएल खेलने से खिलाड़ियों को रोक नहीं सकते- बेयरस्टो
बेयरस्टो ने तीसरे टेस्ट से पहले एक आभासी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "देखो, मुझे लगता है कि यह खेल का हिस्सा और पार्सल है। ऐसे लोग हैं जिनके पास सफेद-बॉल कॉन्ट्रैक्ट्स और रेड-बॉल कॉन्ट्रैक्ट्स हैं और फिर वे लोग हैं जिनके पास दोनों हैं। मुझे लगता है कि जो लोग सफेद गेंद वाले फॉर्मेट में खेलते हैं, वे आईपीएल में जाना चाहेंगे और आप उन्हें जाने से नहीं रोक सकते हैं। "
बेयरस्टो खुद सनराइजर्स हैदराबाद का प्रतिनिधित्व करेंगे, जहां वह फ्रेंचाइजी के महत्वपूर्ण बल्लेबाजों में से एक हैं। वह डेविड वार्नर और केन विलियमसन के साथ मिलकर हैदराबाद के लिए ओवरसीज खिलाड़ियों का कोर ग्रुप बनाते हैं।
वह अपना तय रेस्ट करके इंग्लैंड टीम में वापस आ गए हैं और उनसे अंतिम दो टेस्ट और सीमित ओवरों के मैच खेलने की उम्मीद है। बेयरस्टो ने इस दौरान क्वारेंटाइन के संघर्षों के बारे में बात की जो की बीच में आराम लेने को और भी समझदारी भरा बनाता है।