लक्ष्मण और राहुल का दिया उदाहरण
पीएम मोदी ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले का उदाहरण पेश किया। मोदी ने सबसे पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता के ऐतिहासिक मैच का जिक्र करते हुए राहुल और द्रविड़ की बात की। मोदी ने कहा, ''2001 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कोलकाता में मैच खेला जा रहा था। भारत की स्थिति खराब हो गई। फॉलोऑन मिला। टीम दोबारा खेलने आई तो जल्दी विकेट गिरने लगे। निराशा भरा माहौल था। इस स्थिति में दर्शक भी नाराज हो जाते हैं। वह भूल जाते हैं कि अपने खेल रहे हैं उनका हाैसला बढ़ाना है। लेकिन आपको याद होगा कि राहुल और लक्ष्मण जो खेल दिखाया वो हम भूल नहीं सके। दोनों पूरा दिन खेले और टीम को मैच भी जिता दिया।''
फिर कुंबले का किया जिक्र
इसके बाद पीएम ने बच्चों का हाैसला बढ़ाने के लिए दूसरा उदाहरण अनिल कुंबले के रूप में दिया। पीएम ने कोलकाता टेस्ट के जिक्र के बाद 2002 में विंडीज के खिलाफ उस मैच का किस्सा सुनाया जिसमें कुंबले ने जबड़ा टूटने के बावजूद गेंदबाजी की थी। उन्होंने कहा, ‘साल 2002 में भी एक ऐसा ही था, तब भारत की टीम विंडीज खेलने गई थी। कुंबले को चोट आ गई। अब हालात ऐसे थे कि वो गेंदबाजी कर सकेंगे या नहीं, लेकिन कुंबले फिर मैदान पर आए। वो गेंदबाजी ना करते तब भी देश उन्हें कोसता नहीं लेकिन उन्होंने खुद अपनी जिम्मेदारी समझी और ब्रायन लारा का विकेट लिया। इस विकेट ने मैच को बदल दिया था।''
ऐसे जीता था भारत कोलकाता टेस्ट
बता दें कि 11 मार्च को कोलकाता के ईडन गार्डन पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ने 3 टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मैच खेला था। पहला मैच भारत हार चुका था। ऐसे में यह जीतना अहम था। कंगारूओं ने पहली पारी में 445 रन बनाए। जवाब में भारत दूसरे दिन पहली पारी में 171 रनों पर ढेर हो गया। भारत को फोलोआॅन मिला, लेकिन इस बार भी भारत ने तीसरे 234 पर 4 विकेट गंवा दिए। लेकिन तभी राहुल और द्रविड़ ने पांचवें विकेट लिए 376 रनों की साझेदारी की। लक्ष्मण ने 281 तो राहुल ने 180 रन बनाकर भारत की दूसरी पारी का स्कोर 7 विकेट पर 657 पहुंचाया। भारत से मिले 384 रनों के जवाब में कंगारू टीम 212 पर ढेर हो गई और भारत ने 171 रनों से यह मैच जीत लिया था। इस मैच में फोलोआन के बावजूद जीत दिलाने में राहुल-लक्ष्मण ने बड़ी भूमिका निभाई जिसे हमेशा याद रखा जाएगा।