विश्व कप में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ मैच में आईसीसी की आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग को फटकार लगाई गई है.
दरअसल सोमवार को अहमदाबाद में हुए मैच में पॉन्टिंग जब 28 रनों के निजी स्कोर पर थे तो दो रन लेने के चक्कर में क्रिस मोफ़ू के थ्रो पर वह रन आउट हो गए.उसके बाद पॉन्टिंग ग़ुस्से में पैवेलियन की ओर जाते हुए दिखे.
ख़बरों के मुताबिक पॉन्टिंग ने उसके बाद ड्रेसिंग रूम में जाकर उस टेलिविज़न सेट पर बल्ला दे मारा जिस पर उनके रन आउट का रीप्ले चल रहा था.
अब आईसीसी का कहना है कि रन आउट होने के बाद ड्रेसिंग रूम में पॉन्टिंग ने कोई उपकरण पटक दिया जो उनके किट बैग से निकलर टीवी सेट सा जा टकराई.
पॉन्टिंग ने अपने ऊपर लगे स्तर एक के आरोप और आईसीसी के रेफ़रियों की ओर से रौशन महानामा द्वारा प्रस्तावित सज़ा स्वीकार कर ली.
गुजरात क्रिकेट संघ ने इस मामले में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड यानी बीसीसीआई के ज़रिए आईसीसी को शिकायत की थी.
पॉन्टिंग को आचार संहिता के खंड 2.1.2 के उल्लंघन का दोषी पाया गया. इस खंड के तहत क्रिकेट से जुड़े उपकरणों या कपडों और मैदान पर लगे उपकरणों को नुकसान पहुँचाने की बात शामिल है.
रौशन महानामा ने इस प्रकरण पर कहा है, "रिकी जानते हैं कि उन्होंने संहिता का उल्लंघन किया है जब वे कुछ समय के लिए गु़स्से में थे. ये स्पष्ट है कि जो भी नुकसान पोन्टिंग ने किया वो ग़लती से हुआ और उनकी कोई ग़लत मंशा नहीं थी. उन्होंने माफ़ी माँग ली थी और तुरंत नुकसान की भरपाई के लिए तैयार हो गए थे."
चूँकि पॉन्टिंग ने अपनी ग़लती मान ली है और प्रस्तावित सज़ा के लिए भी तैयार थे इसलिए औपचारिक सुनवाई की ज़रूरत नहीं पड़ी.
स्तर एक की ग़लतियों के लिए या तो आधिकारिक तौर पर फटकार लगाई जा सकती है या फिर मैच फ़ीस का 50 फ़ीसदी हिस्सा काटा जा सकता है.