बिहारी बाबू हैं पृथ्वी शॉः
मुंबई के विरार में पले बढ़े शॉ का मूल निवास बिहार के गया के मानपुर में है। उनके दादा अशोक साव, मानपुर के शिवचरण लेन में बालाजी कटपीस नाम के कपड़े की दुकान चलाते हैं। शॉ के पिता पंकज रोजगार की तलाश में मुंबई शिफ्ट हुए थे जहां बचपन से ही पृथ्वी को क्रिकेट खेलने का जुनून था। अभी भी उनके दादा-दादी के साथ ही परिवार के अन्य सदस्य बिहार में रहते हैं।
शॉ नहीं साव हैं पृथ्वीः
शॉ के पिता पंकज रोजगार की तलाश में मुंबई गए थे जहां उन्होंने साव टाइटल को हटाकर बाद में शॉ कर लिया और ये टाइटल अब पृथ्वी के करियर से जुड़ गया है। इस युवा खिलाड़ी ने क्रिकेट में अपने नाम कई शानदार रिकॉर्ड्स बना लिए हैं। वहीं, रणजी का डेब्यू हो या दिलीप ट्रॉफी का या फिर टीम इंडिया में टेस्ट करियर का आगाज भारत के इस युवा ने शतक लगाकर आगाज किया है।
बचपन में ही उठ गया था सिर से मां का साया, दादा ने कहा देश तुम प गर्व करेगाः
पृथ्वी के दादा अशोक बताते हैं कि 4 साल की जब पृथ्वी 3 वर्ष का था तभी उनकी मां गुजर गई और उनके पिता ने उनके क्रिकेटर बनाने की ठान ली। वहीं जब शॉ ने अंडर-19 टीम की कमान संभालकर भारत को विश्वविजेता बनाया तो अशोक ने उन्हें बधाई नही दी बल्कि उन्होंने अपने पोते से कहा कि एक दिन सारा देश तुम्हें बधाई देगा। आज शतक जड़कर शॉ ने अपने दादा का यह कथन भी सार्थक कर दिया है।
मानपुर में दिवाली सा जश्न का माहोलः
बिहार का यह इलाका बिजनेस के लिए खासा फेमस है वहीं इस इलाके में उस दिन जश्न का माहौल होता है जब आईआईटी का रिजल्ट आता है लेकिन इस खिलाड़ी की इस सफलता ने आज का दिन भी यहां के लोगों के लिए यादगार बना दिया।