नई दिल्ली। मुंबई इंडियंस के खिलाफ मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स की टीम चारो खाने चित हो गई। टीम का शीर्ष क्रम इस मैच में बुरी तरह से धराशायी हो गया। टीम के शुरुआती तीन बल्लेबाज बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए। आईपीएल के इतिहास में शायद ही ऐसा पहली बार हुआ होगा कि टीम के तीन विकेट बिना खाता खोले पवेलियन की राह लौट गए। लेकिन दिल्ली की टीम की सबसे बड़ी मुश्किल सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ रहे हैं। पिछले 8 मैच की बात करें तो पृथ्वी शॉ महज 49 रन बना सके हैं।
पृथ्वी शॉ एक बार फिर से अहम मैच में बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। आईपीएल के इस सीजन में अभी तक पृथ्वी शॉ ने 13 मैच खेले हैं जिसमे अभी तक वह सिर्फ 228 रन बना सके हैं। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 228 रहा है। इस दौरान उनका औसत 17.53 रहा। लेकिन अहम बात यह है कि पिछली 8 इनिंग में वह महज 49 रन बना सके हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि पृथ्वी शॉ को आखिर इतनी बार क्यों मौके दिए गए। बहरहाल यह समझ के बिल्कुल परे है कि दिल्ली की टीम लगातार पृथ्वी शॉ के फेल होने के बाद उन्हें क्यों मौका दे रही है।
आईपीएल के पहले प्लेऑफ में दिल्ली के गेंदबाजों की मुंबई के गेंदबाजों ने बखिया उधेड़ कर रख दी। टीम ने स्कोरबोर्ड पर 200 रन का लक्ष्य खड़ा किया। मुंबई के 200 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दिल्ली की टीम महज 143 रन ही बना सकी और टीम को 57 रनों की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि दिल्ली के पास फाइनल में पहुंचने का एक और मौका है। लेकिन देखने वाली बात यह है कि क्या आखिरी मैच में दिल्ली की टीम पृथ्वी शॉ पर दांव खेलती है या फिर किसी और को टीम में मौका देती है।