Prithvi Shaw: पहले टेस्ट मैच की पहली इनिंग में विराट कोहली के अर्धशतक और चेतेश्वर पुजारा व अजिंक्या रहाणे की अच्छी पारी के बाद भी दूसरी इनिंग में भारतीय टीम महज 36 रन के स्कोर पर सिमट गई। लेकिन जिस तरह से पूरी पारी 36 रन पर सिमटी उसके बाद एक या दो बल्लेबाजों पर इसकी ठीकरा फोड़ना ठीक नहीं होगा। सभी बल्लेबाजों को अगले तीन टेस्ट मैचों में काफी मेहनत की जरूरत है। पहले टेस्ट में जिन दो बल्लेबाजों से सबसे ज्यादा उम्मीद थी उन्होंने सबसे ज्यादा निराश किया। अजिंक्या रहाणे और पृथ्वी शॉ दो ऐसे बल्लेबाज थे जिनसे टीम को टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं लेकिन दोनों ने ही टीम को निराश किया। साहा दो पारियों में 0 और 4 रन बनाकर आउट हो गए, जबकि टीम के उपकप्तान रहाणे दूसरी पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए।
टीम इंडिया के पूर्व स्पिन गेंदबाज प्रज्ञान ओझा का मानना है कि टीम में रिषभ पंत को शामिल करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और रिद्धिमान साहा को टीम में बने रहने देना चाहिए। ओझा का मानना है कि साहा एडिलेड टेस्ट के लिए पहली पसंद थे, लिहाजा एक खराब मैच की वजह से उन्हें टीम से बाहर नहीं करना चाहिए। लेकिन सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को लेकर ओझा ऐसा नहीं मानते हैं।
ओझा का मानना है कि मुझे लगता है कि हां, पृथ्वी शॉ की बल्लेबाजी देखने के बाद मैं निसंदेह कह सकता हूं कि उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिलनी चाहिए। निश्चित तौर पर शुभमन गिल को टीम में मौका मिलना चाहिए। पृथ्वी को अब घरेलू क्रिकेट में जाकर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वहं बेहतर खेलकर वह एक बार फिर से टीम में वापसी कर सकते हैं। ओझा ने कहा कि मैं रिषभ पंत को उनकी बल्लेबाजी की वजह से पहले टेस्ट मैच में समर्थन दे रहा था, गुलाबी गेंद से मुझे लगता था कि पंत अगर खेलते हैं तो वह अहम रन बना सकते हैं। लेकिन अब आप 36 साल के साहा की बात कर रहे हैं, उन्होंने पहले टेस्ट खेला है और अगर वह टीम से बाहर जाते हैं तो उनकी वापसी नहीं हो सकती है, लिहाजा उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए।
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