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अजीबोगरीब रहा करियर, बोला भारतीय गेंदबाज- कभी मैं 5 विकेट लेता, तो कभी बाहर बैठा रहता

नई दिल्ली: आर अश्विन का मानना है कि उनका करियर पिछले कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। वर्ष 2019 की शुरुआत भारत के प्रमुख स्पिनर ऐतिहासिक सिडनी टेस्ट के लिए XI से बाहर हुए थे और बाद में उन्हें कैरेबियाई दौरे पर भी टेस्ट में उतारा गया था। लेकिन जब उन्हें अक्टूबर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घर में मौका मिला, तो 33 वर्षीय ऑफ स्पिनर ने विजाग में सात विकेट से वापसी की और 350 टेस्ट विकेट भी पूरे कर लिए।

IPL 2020 में भी करेंगे लेग ब्रेक गेंदबाजी-

IPL 2020 में भी करेंगे लेग ब्रेक गेंदबाजी-

हिंदुस्तान टाइम्स से एक बातचीत में, अश्विन ने अतीत और भारतीय क्रिकेट के फिर से शुरू होने की भविष्य की योजनाओं के बारे में बात की।

'दुनिया के किसी भी स्पिनर का सामना कर सकता है ये बल्लेबाज'

अश्विन ने बताया कि वे घर पर एक्सरसाइज करके खुद को फिट रख रहे हैं। इस बार आईपीएल में वे दिल्ली कैपिटल्स के साथ खेलते हुए नजर आएंगे जो पहली बार होगा। अश्विन नई टीम के साथ जुड़ने के लिए उत्साहित हैं और अपना बेस्ट देना चाहते हैं। अश्विन का मानना है कि पिछले सीजन की तरह इस बार भी वे लेग ब्रेक गेंदबाजी करना जारी रखेंगे।

'या तो 5 विकेट लूं वर्ना बाहर बैठूं'

'या तो 5 विकेट लूं वर्ना बाहर बैठूं'

71 टेस्ट में 365 विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने बताया कि टेस्ट क्रिकेट से अंदर-बाहर होना उनके लिए निराशाजनक है। उन्होंने कहा, 'इससे निराशा होती है। लेकिन खेल में ये होता है। ऐसा होता है। स्टुअर्ट ब्रॉड का हालिया उदाहरण लें। उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट से बाहर कर दिया गया और अगले गेम में शानदार वापसी की। मैं भी उन चरम सीमाओं के बीच आ गया हूं। या तो मैं पांच विकेट लूं वर्ना मुझे बाहर कर दिया जाएगा। मैं सिर्फ नकारात्मकता को मेरे पास नहीं आने देता।'

अश्विन ने कहा कि जब भी उनको टेस्ट खेलने का मौका मिलेगा तब तब वह अपनी दिल और आत्मा के साथ गेंदबाजी करेंगे।

धोनी ने किया सपोर्ट-

धोनी ने किया सपोर्ट-

उन्होंने कहा, "अपने देश के लिए खेलना हमेशा बहुत बड़ा होता है। यह एक सम्मान और एक क्रिकेटर के लिए एक सपना सच होने जैसा है, एक वास्तविक मील का पत्थर। इससे मुझे शुरुआत में मदद मिली और मैं काफी अच्छी भूमिका में सेट हो गया। मैंने तब तक काफी घरेलू क्रिकेट भी खेला था। ऐसा कोई दबाव नहीं था। जब मुझे मौका मिला तो मैंने भारत के लिए खेलना पसंद किया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं किसी और की जगह भर रहा हूं। समय बीतने के साथ मैंने अपनी जगह बनाई। (कप्तान) धोनी ने भी मुझे हमेशा समर्थन देकर आत्मविश्वास हासिल करने में मदद की।"

Story first published: Tuesday, July 28, 2020, 8:49 [IST]
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