नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और फैन्स के बीच द वॉल के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ को क्रिकेट के खेल के प्रति उनकी जानकारी के लिये जाना जाता है। वह जब तक मैदान पर रहे तब तक उन्होंने विरोधी टीम के खिलाड़ियों को अपनी बल्लेबाजी तकनीक से परेशान किया और संन्यास लेने के बाद वह अपने इस अनुभव को युवा खिलाड़ियों के साथ बांटते नजर आये। राहुल द्रविड़ ने पहले अंडर-19 कोच के रूप में और अब नेशनल क्रिकटे अकादमी के हेड के रूप में युवाओं की मदद करते नजर आ रहे हैं और अपना अनुभव साझा कर रहे हैं।
इस बीच राहुल द्रविड़ ने बीसीसीआई की ओर से आयोजित सभी राज्य इकाइयों के लिये आयोजित एक वेबीनार में कहा कि राज्य की टीमों को अपने सीनियर और पूर्व खिलाड़ियों के अनुभव का जितना हो सके उतना इस्तेमाल करना चाहिये।
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राहुल द्रविड़ की ओर से कही गई इस बात का मतलब बताते हुए एक राज्य ईकाई के सदस्य ने कहा, 'राहुल ने कभी नहीं कहा कि यह करना अनिवार्य है लेकिन यह राज्य ईकाइयों को सलाह है कि उन्हें पूर्व खिलाड़ियों को उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र में आजमाना चाहिए। अगर हम उन्हें क्रिकेटिंग सेटअप में शामिल कर सकें तो उनका अनुभव और विशेषज्ञता बेकार नहीं जाएगी।'
गौरतलब है कि बीसीसीआई की ओर से आयोजित किये गये इस वेबीनार में विभिन्न राज्य यूनिट्स के सचिव और ऑपरेशंस हेड ने हिस्सा लिया, इसमें बीसीसीआई-एनसीए के एजुकेशन अध्यक्ष सुजीत सोमसुंदर (पूर्व भारतीय वनडे सलामी बल्लेबाज) और ट्रेनर आशीष कौशिक भी शामिल थे।
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आपको बता दें कि इस वेबीनार का मुख्य उद्देश्य फिटनेस डाटा कलेक्शन और कोविड-19 के दौर में फिटनेस ट्रेनिंग को चालू करने जैसे विषयों पर चर्चा करना था। राहुल द्रविड़ ने इस बीच प्रशासकों का ध्यान कई परिस्थितियों और मुश्किल वक्त में काम करने के तरीकों की ओर दिलाया।