नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट के मैदान पर एक टीम से सिर्फ 11 खिलाड़ी ही खेलते हैं। क्रिकेट के विस्तार वाले देशों में क्रिकेट का अलग खुमार है। देखने वालों के साथ-साथ खेलने वाले लोगों की भी संख्या भी अच्छी खासी है। खेलने वला सभी खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मैच में खेलने का मौका नहीं मिलता है।
ऐसे में क्रिकेटर बनने का ख्वाब देख रहे खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं मिलती है और वह उम्र के पड़ाव पर नौकरी करने की स्थिति में नजर नहीं आते हैं। राहुल द्रविड़ ने इस समस्या से निजात पाने का तरीका सुझाया है।अगर पूरी तरह से राहुल द्रविड़ के विचारों पर ध्यान दिया गया तो युवा क्रिकेटरों की तस्वीर बदल सकती है।
द्रविड़ ने दिया प्लान:
खबर के मुताबिक अंडर 19 क्रिकेट की बागडोर संभाल रहे राहुल द्रविड़ ने बीसीसीआई के सामने एक प्रस्ताव रखा है।इसके तहत बोर्ड के साथ जुड़े युवा क्रिकटरों को खेल के साथ-साथ किसी दूसरे पेशे की ट्रेनिंग भी दिलाई जा सके। यानी अगर कोई क्रिकेटर किसी वजह क्रिकेट छोड़ देता है तो उसे रोजगार से जुड़ी किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।इस प्रस्ताव रे मुताबिक कंपनियों को बोर्ड के साथ इंगेज किया जाएगा जिनमें क्रिकेटरों की ट्रेनिंग या फिर इंटर्नशिप की व्यवस्था की जा सके।
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नेशनल क्रिकेट एकेडमी यानी एमसीए के सीओओ तूफान घोष बताया है कि आमतौर पर युवा क्रिकेटर जब 20-21 साल की उम्र तक क्रिकेट खेलना छोड़ देते हैं और तब उनक पास करने को कुछ नहीं होता है। युवा खिलाड़ियों को ऐसे हालात का सामना ना करना पड़े उसके मद्देनजर ही द्रविड़ के इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाना की तैयारी की जा रही है।
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